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भारत की वायु सुरक्षा का दमदार प्रदर्शन, 'Operation Sindoor' में 600 से ज्यादा पाक ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान ने चाल चली लेकिन भारत ने हर ड्रोन का आसमान में ही खेल खत्म कर दिया. 'ऑपरेशन सिंदूर' में इंडियन आर्मी की तैयारी और तकनीक ने सबको हैरान कर दिया. जानिए कैसे पुराने हथियारों और स्वदेशी सिस्टम ने रचा इतिहास – पूरी कहानी पढ़िए अंदर!

Aprajita
Edited By: Aprajita

Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच हमेशा से ही सरहदी तनाव बना रहा है लेकिन इस बार पाकिस्तान ने एक नई रणनीति अपनाई – छोटे-छोटे ड्रोन भेजकर भारत की वायु रक्षा प्रणाली को चकमा देने की कोशिश की. लेकिन भारतीय सेना पहले से पूरी तैयारी में थी. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने जिस तेजी और सटीकता से कार्रवाई की, उसने न सिर्फ पाकिस्तान की योजना को नाकाम किया बल्कि दुनिया को दिखा दिया कि भारत की वायु सुरक्षा अब किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

600 पाकिस्तानी ड्रोन ढेर, बाकी खदेड़े गए

7 मई को शुरू हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना की वायु रक्षा यूनिट्स ने पश्चिमी मोर्चे पर तेजी से तैनाती की. इस दौरान पाकिस्तान द्वारा भेजे गए 600 से ज्यादा ड्रोन को आसमान में ही मार गिराया गया, जबकि बाकी को सीमा से खदेड़ दिया गया. ये ड्रोन अलग-अलग आकार और तकनीक के थे, जिनमें कई हथियारों से लैस भी थे.

वायु रक्षा नेटवर्क ने दिखाई ताकत

इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने 1,000 से ज्यादा एंटी-एयरक्राफ्ट गन सिस्टम और 750 शॉर्ट और मीडियम रेंज मिसाइल सिस्टम को तैनात किया. ये सभी सिस्टम रडार की एक विस्तृत श्रृंखला से जुड़कर एक मजबूत मल्टी-लेयर एयर डिफेंस नेटवर्क में तब्दील हो गए. इसका नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान के हर हमले का जवाब रियल टाइम में मिल गया.

स्वदेशी सिस्टम बने गेम चेंजर

भारत की खुद की बनाई गई मिसाइल प्रणालियां जैसे ‘आकाश’ और ‘आकाशतीर’, इस ऑपरेशन में सबसे आगे रहीं. आकाश ने 25 किमी तक आने वाले बड़े खतरों जैसे कि सशस्त्र UAV और कामिकेज़ ड्रोन को मार गिराया, जबकि आकाशतीर ने पूरे नेटवर्क को रीयल टाइम कमांड और कंट्रोल मुहैया कराया.

पुराने हथियार भी हुए काम के

एल-70 गन, ZU-23 मिमी ट्विन बैरल गन और अपग्रेडेड शिल्का जैसे पुराने एंटी-एयरक्राफ्ट हथियार, जिन्हें आमतौर पर अब पुराना माना जाता है, उन्होंने भी इस ऑपरेशन में शानदार प्रदर्शन किया. ये हथियार कम ऊंचाई पर उड़ने वाले छोटे ड्रोन झुंडों के खिलाफ बेहद असरदार साबित हुए.

पाकिस्तान की चालें नाकाम

पाकिस्तान का मकसद था भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत को मापना, रडार सिग्नल पकड़ना और भारत के गोला-बारूद भंडार को कमजोर करना. लेकिन भारत की तैयारियों के आगे पाकिस्तान की हर चाल फेल हो गई. भारत ने न तो सभी रडार चालू किए और न ही अपने सबसे बड़े सिस्टम जैसे S-400 या बराक-8 को इन छोटे ड्रोन पर खर्च किया.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि भारत की बढ़ती टेक्नोलॉजिकल ताकत और रणनीतिक सोच का बेहतरीन उदाहरण है. इस ऑपरेशन ने साफ कर दिया कि भारत अब सिर्फ बचाव की स्थिति में नहीं बल्कि हर चुनौती का सटीक जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है. पाकिस्तान को भी अब ये समझ आ गया है कि भारत की वायु सीमाएं अब पहले जैसी नहीं रहीं—अब कोई भी खतरा बिना जवाब के नहीं बचेगा.

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17 May 2025, 08:28 AM IST

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