Bihar: लाचार शिक्षक ने सरकार से क्यों मांगी इच्छा मृत्यु की इजाज़त, जानिए पूरा मामला

Bihar: बिहार में एक शिक्षक का ट्रांसफर को लेकर दर्द सामने आया है. इस शिक्षक के दो बच्चे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी से जूझ रहे हैं. जिसकी वजह से उन्होंने अपना ट्रांसफर रोकने का गुहार लगाया हैं. इस संबंध में शिक्षक ने प्रधानमंत्री मोदी और शिक्षा विभाग को पत्र भी भेजा है.

JBT Desk
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Bihar: बिहार के भागलपुर जिले से एक शिक्षक का ट्रांसफर को लेकर दुख भरी कहानी सामने आई है.भागलपुर जिले से नवगछिया प्रखंड के मध्य विद्यालय ढोलबज्जा में पढ़ाने वाले घनश्याम कुमार ने ट्रांसफर रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और शिक्षा मंत्री से गुहार लगाई है. कदवा कार्तिक नगर के रहने वाला इस शिक्षक ने ट्रांसफर नहीं रोके जाने पर पूरे परिवार के साथ इच्छामृत्यु की इजाजत सरकार से मांगी है. इस संबंध में शिक्षक ने सीएम सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी आवेदन दिया है.

दरअसल, शिक्षक के दो बेटे मस्कुलर डिस्ट्ऱफी नाम की बीमरी से पीड़ीत हैं. उनका कहना है कि घर के पास रहने के कारण वह अपने बच्चों की देखरेख कर पाते हैं और उसका इलाज करवा लेते हैं लेकिन अगर उनका ट्रांसफर हो गया तो वे अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर पाएंगे इसलिए वह चाहते हैं कि, उनका ट्रांसफर न किया जाए.

ट्रांसफर नहीं करवाना चाहते हैं शिक्षक

शिक्षक ने कहा कि सरकार और विभाग के आदेशों का उन्होंने पूरी तरह से पालन किया है उन्होंने सक्षमता परीक्षा भी दे दी है. ट्रांसफर के लिए मांगे तीन विकल्पों को न चाहते हुए भी उन्होंने फॉर्म में भर दिया है लेकिन परीक्षा के देने के बाद से ही वह  ट्रांसफर को लेकर काफी डरे हुए हैं.

कई डॉक्टरों से करा चुके हैं बच्चों का इलाज

शिक्षक घनश्याम ने आगे बताया कि, उन्होंने अपने बच्चों का इलाज देश के कई बड़े डॉक्टरों से कराया है.  वह अपने बच्चों को नियमित दिनचर्या खुद करवाते हैं क्योंकि उनके बच्चे न खुद से खाना खा पाते हैं न शौचालय आदि जैसे साधारण और जरूरी काम कर पाते हैं. उन्होंने आगे बताया कि, उनके बच्चों की हेल्थ की जांच रोजाना होती है. अभी तक दोनों बच्चों के इलाज में वह काफी पैसे खर्च कर चुके हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर उनके आमदनी का दूसरा कोई साधन होता तो वह शिक्षक की नौकरी छोड़ देते.

ट्रांसफर हुआ तो बच्चे बिना देखभाल के मर जाएंगे

शिक्षक ने कहा अगर उनका ट्रांसफर कहीं दूर हो गया तो उनके बच्चे देखभाल न होने के कारण मर जाएंगे. ऐसी स्थिति में पूरे परिवार के साथ आत्महत्या का कदम उठाना उनके लिए बेहतर होगा. इसलिए उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा है कि, अगर ट्रांसफर नहीं रोक सकते तो पूरे परिवार के लिए इच्छामृत्यु की इजाजत दे दीजिए.

आपको बता दें कि, घनश्याम का बड़ा बेटा अनिमेष कुमार है जो कि 17 साल का है वहीं छोटा बेटा अनुराग 10 साल का है. इसके अलावा उनकी दो बेटियां भी हैं. बड़ी बेटी प्रतिमा है जो कॉलेज मे हैं और छोटी बेटी सपना सातवीं कक्षा में है.

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09 March 2024, 06:24 AM IST

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