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मंडी की सियाथी गांव में कुत्ता बना फरिश्ता, रात को चेतावनी देकर बचाई दर्जनों जिंदगियां

बारिश की तेज गर्जना और अंधेरे के बीच, जब हर कोई गहरी नींद में था, तभी एक कुत्ते ने खतरे की आहट पहचान ली. उसकी लगातार भौंक और चीख-पुकार ने गांव वालों को समय रहते जगा दिया और वे जान बचाकर भाग निकले. कुछ ही मिनटों बाद सियाथी गांव पर भूस्खलन का कहर टूटा और लगभग पूरा गांव मलबे में समा गया.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

मानसून की तबाही झेल रहे हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से एक चमत्कारिक कहानी सामने आई है. यहां भयंकर बारिश और भूस्खलन के बीच एक कुत्ते की समय पर की गई चेतावनी ने 67 ग्रामीणों की जान बचा ली. अगर वह कुत्ता आधी रात को जोर-जोर से न भौंकता, तो शायद पूरा गांव ही मलबे में समा गया होता.

मंडी के धरमपुर क्षेत्र के सियाथी गांव में 30 जून की रात जब सभी लोग गहरी नींद में थे, तब यह हादसा हुआ. रात 12 से 1 बजे के बीच गांव भारी बारिश की चपेट में आ गया और कुछ ही देर में दर्जनों घर भूस्खलन में तबाह हो गए. लेकिन उस गांव के एक कुत्ते ने रात में जोर-जोर से भौंककर और रोकर समय रहते लोगों को जगा दिया.

कुत्ते ने भौंककर मुझे उठाया

सियाथी गांव के निवासी नरेंद्र ने बताया, "रात को कुत्ता ऊपरी मंजिल पर सो रहा था. तभी अचानक वह बहुत तेज भौंकने और रोने लगा. जैसे ही मैं उसे देखने गया, देखा कि घर की दीवार में दरार आ गई है और पानी अंदर घुसने लगा है. मैं तुरंत नीचे भागा और सबको जगाया.”

इसके बाद नरेंद्र ने गांव के बाकी लोगों को भी चेताया और सभी को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर ले गया. लोग घर-बार छोड़कर दौड़ते हुए गांव से निकल गए. कुछ ही मिनटों बाद सियाथी गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया.

पूरा गांव मलबे में दबा

भूस्खलन में लगभग दर्जनभर मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए. गांव के केवल चार-पांच घर ही अब दिखाई देते हैं, बाकी सभी मलबे के नीचे दब चुके हैं. बचे हुए लोग पिछले सात दिनों से त्रियंबला गांव के नयना देवी मंदिर में शरण लिए हुए हैं. इस आपदा के बाद कई ग्रामीण ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन और तनाव जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं.

स्थानीय मदद और सरकारी राहत

त्रासदी के बाद अन्य गांवों के लोग भी मदद के लिए आगे आए हैं. सरकार की ओर से प्रति परिवार ₹10,000 की राहत राशि दी जा रही है.

हिमाचल में 20 जून से अब तक 78 मौतें

हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून 20 जून से सक्रिय है, और तब से लेकर अब तक राज्य में कुल 78 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से 50 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं (भूस्खलन, बादल फटने, फ्लैश फ्लड) में हुईं, जबकि 28 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं.

मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित

मंडी जिला इस समय राज्य का सबसे प्रभावित इलाका बन गया है. यहां सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं. भारी बारिश और बाढ़ के कारण मंडी में 156 सहित कुल 280 सड़कें बंद पड़ी हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है.

10 जिलों में फ्लैश फ्लड अलर्ट जारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को हिमाचल के 10 जिलों के लिए फ्लैश फ्लड अलर्ट जारी किया है. लगातार हो रही बारिश ने पूरे राज्य में चिंता का माहौल बना दिया है.

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08 July 2025, 03:03 PM IST

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