फर्जी MBA डिग्री, अश्लील चैट और यौन शोषण...बाबा चैतन्यानंद सरस्वती का काला सच आया सामने
Chaitanyanand Sarwati Fake MBA Degree : बाबा चैतन्यानंद सरस्वती यौन शोषण के आरोपों में गिरफ्तार होने के बाद लगातार नए खुलासों में घिरते जा रहे हैं. शिकागो यूनिवर्सिटी की MBA डिग्री फर्जी निकली, साथ ही पीएमओ से जुड़ा पहचान पत्र और खुद को राज्यमंत्री बताने वाले दस्तावेज भी फर्जी पाए गए. बाबा के पास से अश्लील चैट्स, पोर्न सीडी और सेक्स टॉय बरामद हुए हैं. अब तक सामने आई जानकारियाँ उसकी गहरी आपराधिक मानसिकता को उजागर कर रही हैं.

Chaitanyanand Sarwati Fake MBA Degree : यौन शोषण के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किए गए बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को लेकर रोज नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. एक समय में आध्यात्मिक गुरु का चोला पहनकर जनता को गुमराह करने वाला यह तथाकथित बाबा अब एक-एक करके अपने फर्जीवाड़े और आपराधिक गतिविधियों की वजह से बेनकाब होता जा रहा है. हाल ही में सामने आई जानकारियाँ इस ओर इशारा कर रही हैं कि बाबा का पूरा व्यक्तित्व ही झूठ, धोखे और नैतिक पतन पर आधारित था.
यूनिवर्सिटी से MBA पास बताया था
खुद को ‘राज्यमंत्री’ बताकर भेजा स्कूल को पत्र
बाबा का फर्जीवाड़ा सिर्फ शैक्षणिक या पहचान पत्र तक सीमित नहीं रहा. हाल ही में फरीदाबाद के एक मानव रचना स्कूल को भेजा गया एक पत्र सामने आया है जिसमें बाबा ने खुद को ‘मिनिस्टर ऑफ स्टेट’ यानी राज्यमंत्री बताया था. इस पत्र के जरिए बाबा बच्चों और संस्थानों पर प्रभाव डालने की कोशिश करता था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसका मकसद केवल लोगों को गुमराह करना और निजी फायदे के लिए सरकारी पदों का दुरुपयोग करना था.
फर्जी तस्वीरों से बनाई झूठी छवि
बाबा के ठिकानों की छानबीन के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के साथ उसकी फर्जी तस्वीरें बरामद हुईं. ये तस्वीरें फोटोशॉप की गई थीं, जिनका मकसद बाबा की अंतरराष्ट्रीय पहुंच का झूठा प्रचार करना था. इसके अलावा देश के कई बड़े नेताओं और संतों के साथ भी बाबा की झूठी तस्वीरें पाई गई हैं, जिनका इस्तेमाल वह अपनी छवि को बड़ा दिखाने के लिए करता था.
पहले रामकृष्ण मिशन से जुड़ा था बाबा
बाबा पहले रामकृष्ण मिशन से जुड़ा हुआ था, लेकिन वर्ष 1997 में उसके ऊपर अकाउंटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगे. मिशन की आंतरिक जांच में बाबा के कृत्य उजागर हुए और अंततः 2002 में उसे संस्था से निकाल दिया गया. यह मामला बाबा के आपराधिक इतिहास की शुरुआत को दर्शाता है और यह साबित करता है कि उसके चाल-चलन पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं.
अश्लील चैट और आपत्तिजनक सामग्री बरामद
बाबा के मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ की जांच के दौरान कई युवतियों के साथ की गई अश्लील चैट सामने आई हैं. इन चैट्स में बाबा महिलाओं को सेक्सुअल विषयों पर बहकाने और अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करते हुए पाया गया है. जिस भाषा और तरीके से वह महिलाओं से बात करता था, वह न केवल शर्मनाक है, बल्कि एक तथाकथित धार्मिक गुरु के मुखौटे के पीछे छिपी विकृत मानसिकता को उजागर करता है.
इतना ही नहीं, उसके आश्रम से पॉर्न वीडियोज की सीडी, सेक्स टॉयज़ और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई है. यह सब इस बात को प्रमाणित करता है कि बाबा धर्म और आध्यात्म की आड़ में यौन शोषण और अनैतिक गतिविधियों का अड्डा चला रहा था.
आने वाले समय में और भी खुलासों की संभावना
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे बाबा के काले कारनामों की परतें खुलती जा रही हैं. फर्जी डिग्री, सरकारी पदों का झूठा दावा, वित्तीय हेराफेरी, महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और अश्लील सामग्री की बरामदगी यह सब इस ओर इशारा करता है कि बाबा चैतन्यानंद सरस्वती की कहानी एक गहरी साजिश और सामाजिक धोखे से भरी हुई है.
अब देश की नजरें इस ओर हैं कि आने वाले दिनों में जांच एजेंसियां बाबा के जाल में फंसे अन्य चेहरों को कैसे उजागर करेंगी और उसे उसके कर्मों की उचित सजा कब और कैसे मिलेगी.
बाबा का चेहरा अब पूरी तरह से बेनकाब
बाबा चैतन्यानंद सरस्वती का चेहरा अब पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है. धर्म और समाज सेवा की आड़ में उसने जो अपराध किए, वे न केवल कानूनन दंडनीय हैं बल्कि सामाजिक रूप से भी अक्षम्य हैं. अब वक्त है कि ऐसे नकली बाबाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो और जनता को जागरूक किया जाए.


