score Card

'क्या मोदी सरकार ने आम आदमी की ज़िंदगी को तबाह कर दिया? खड़गे ने गिनाए 7 बड़े आर्थिक संकट!'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी और उनकी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। खड़गे का कहना है कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा दी है, जिससे आम नागरिकों का जीवन मुश्किल हो गया है। उन्होंने 7 प्रमुख संकेतक बताए, जिनसे साफ होता है कि देश में आर्थिक संकट गहरा रहा है। गोल्ड लोन, वेतन वृद्धि, कार बिक्री, खाद्य मुद्रास्फीति और रुपये की गिरावट जैसे मुद्दों पर खड़गे ने तीखा आरोप लगाया। आखिर में खड़गे ने सरकार को घेरते हुए पूछा कि आर्थिक गड़बड़ी का हल कब मिलेगा? पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें!

Aprajita
Edited By: Aprajita

7 Major Economic Crises: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला है। खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने देश की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा दी है, जिससे आम नागरिक बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। खड़गे ने इस मुद्दे पर एक पोस्ट भी साझा किया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार के ‘नए साल के संकल्पों’ पर तंज कसा और कहा कि ये "जुमले" आम जनता का जीवन बर्बाद कर रहे हैं।

खड़गे ने गिनाए 7 प्रमुख संकेतक

खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के आर्थिक फैसलों ने आम नागरिकों की जिंदगी को बहुत कठिन बना दिया है। उन्होंने आर्थिक अस्थिरता के सात मुख्य संकेतक बताए, जो इस संकट को दर्शाते हैं। इनमें सबसे प्रमुख था स्वर्ण ऋण में 50% की वृद्धि, जिसका सीधा असर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ा है। इसके अलावा, खड़गे ने निजी उपभोग में गिरावट को भी एक गंभीर मुद्दा बताया, जिसमें घरों द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कुल राशि आठ तिमाहियों से लगातार घट रही है।

गोल्ड लोन में वृद्धि और वाहनों की बिक्री में गिरावट

खड़गे ने यह भी बताया कि गोल्ड लोन एनपीए में 30% की वृद्धि हुई है, जिससे यह साफ हो जाता है कि लोग अपनी कड़ी मेहनत की कमाई से बढ़ती आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने कारों की बिक्री में आई गिरावट का भी जिक्र किया, जो चार सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। यह आर्थिक मंदी का एक और बड़ा संकेत है।

वेतन वृद्धि में कमी और मुद्रास्फीति

इसके साथ ही खड़गे ने वेतन वृद्धि में कमी की भी आलोचना की, खासकर इंजीनियरिंग, विनिर्माण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में, जहां पिछले पांच सालों में वेतन में महज 0.8% की वृद्धि हुई। उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और आठ तिमाहियों तक खाद्य मुद्रास्फीति औसतन 7.1% रही है, जिससे आम जनता को बड़ा आर्थिक बोझ उठाना पड़ा है।

घरेलू बचत पर बुरा असर

खड़गे ने सरकार की अप्रत्यक्ष कराधान नीति पर भी सवाल उठाए, जो जीएसटी के रूप में घरों की बचत को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि घरेलू बचत अब 50 साल के निचले स्तर पर पहुंच चुकी है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक खतरनाक संकेत है। इसके अलावा, घरेलू वित्तीय देनदारियों में भी वृद्धि हुई है, जो अब जीडीपी के 6.4% तक पहुंच चुकी हैं, और यह दशकों में सबसे अधिक है।

रुपये की गिरावट और विदेशी निवेश पर असर

खड़गे ने भारतीय रुपये की गिरावट को लेकर भी चिंता जताई। उनका कहना था कि रुपये के कमजोर होने से विदेशी निवेशकों की निकासी हुई है, जिससे छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

खड़गे ने मोदी सरकार के खिलाफ इन सभी गंभीर आरोपों के साथ यह भी कहा कि इन समस्याओं का समाधान अब सरकार के पास नहीं है, और इनका असर सीधे तौर पर देश के नागरिकों पर पड़ रहा है।

कुल मिलाकर, खड़गे ने इस मुद्दे को उठाकर सरकार से आर्थिक सुधारों की उम्मीद जताई है ताकि आम नागरिकों की परेशानियों का हल निकाला जा सके।

calender
02 January 2025, 08:54 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag