हत्या से पहले की भविष्यवाणी सच हुई, छात्र नेता की मौत ने बांग्लादेश को हिंसा और अराजकता में झोंक दिया
बांग्लादेश इस वक्त गहरे संकट से गुजर रहा है। एक छात्र नेता की हत्या ने सड़कों पर आग लगा दी है। हिंसा, डर और सियासी अस्थिरता साथ साथ बढ़ रही है।

International News: बांग्लादेश के कई शहरों में हालात अचानक बिगड़ गए। राजधानी ढाका में सबसे ज्यादा तनाव दिखा। सड़कों पर भीड़ उतर आई। कई जगह आगजनी हुई। अखबारों के दफ्तरों को निशाना बनाया गया। पुलिस हालात संभालने में जूझती दिखी। आम लोग डर के कारण घरों में बंद रहे। शरीफ उस्मान हादी एक जाना माना छात्र नेता था। उसकी पहचान तेजतर्रार और विवादित युवा चेहरे के रूप में थी। उसे दिनदहाड़े गोली मारी गई। गोली सिर के पास लगी। हालत गंभीर हो गई। इलाज के लिए उसे सिंगापुर भेजा गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मौत की खबर से क्यों भड़की हिंसा?
जैसे ही हादी की मौत की खबर ढाका पहुंची लोग भड़क उठे। गुस्सा सड़कों पर दिखा। प्रदर्शन हिंसक हो गए। गाड़ियों को जलाया गया। सरकारी इमारतों के पास हंगामा हुआ। माहौल अचानक बेकाबू हो गया। प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए। जांच में सामने आया कि आरोपी फैसल करीम ने पहले ही इशारा कर दिया था। उसने अपनी गर्लफ्रेंड से कहा था कि अगला दिन देश को हिला देगा। यह बात हमले से एक रात पहले कही गई। ढाका के पास एक रिसॉर्ट में दोनों मिले थे। बाद में यह चेतावनी सच साबित हुई। पुलिस ने बयान दर्ज किया है।
कितनी बड़ी थी साजिश?
जांच एजेंसियों का मानना है कि हमला सोची समझी साजिश थी। इसमें कई लोग शामिल थे। फंडिंग से लेकर हथियार तक की व्यवस्था की गई। फर्जी नंबर प्लेट वाली बाइक इस्तेमाल हुई। हमलावरों के छिपने की जगह पहले तय थी। अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
चुनाव से पहले क्यों बढ़ी चिंता?
बांग्लादेश में महीनों बाद चुनाव होने हैं। ऐसे समय हिंसा सरकार के लिए बड़ा खतरा है। राजनीतिक माहौल पहले से तनावपूर्ण था। हादी एक प्रभावशाली युवा आवाज माना जाता था। उसकी मौत ने राजनीति को और गर्म कर दिया। विपक्ष और सरकार आमने सामने हैं। पुलिस ने साफ किया है कि हमलावर भारत नहीं भागे। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने अफवाहों को खारिज किया। जांच जारी है। हालात अब भी नाजुक हैं। आम लोग शांति चाहते हैं। पूरा देश अनिश्चित भविष्य की ओर देख रहा है।


