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औंटा-सिमरिया पुल से कैसे बदल जाएगी 25 जिलों की किस्मत, बिहार के विकास में साबित होगा मील का पत्थर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के बेगूसराय में 1.865 किलोमीटर लंबे औंटा-सिमरिया छह लेन गंगा पुल का उद्घाटन किया, जो उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा. यह पुल पुराने राजेंद्र सेतु का विकल्प है और इससे यातायात सुगम होगा, यात्रा दूरी घटेगी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा. यह पुल 2015 के विशेष पैकेज का हिस्सा था.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के बेगूसराय जिले में बने अत्याधुनिक औंटा-सिमरिया छह लेन गंगा पुल का उद्घाटन किया. इस पुल का निर्माण मोकामा के औंटा घाट से बेगूसराय के सिमरिया तक किया गया है, जो उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस पुल की लंबाई 1.865 किलोमीटर है, जबकि पूरे प्रोजेक्ट की लंबाई 8.150 किलोमीटर है. इसकी कुल लागत लगभग 1871 करोड़ रुपये आई है.

जर्जर राजेंद्र सेतु का विकल्प

अब तक गंगा नदी पार करने के लिए सिर्फ राजेंद्र सेतु ही एक विकल्प था, जो एक दो लेन वाला रेल-सह-सड़क पुल था. समय के साथ उसकी स्थिति कमजोर हो गई थी और यातायात जाम एक आम समस्या बन गई थी. इस नए पुल के शुरू होने से भारी वाहनों की निर्बाध आवाजाही संभव हो गई है, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी.

उत्तर और दक्षिण बिहार को सीधा लाभ

यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग 31 (NH-31) का हिस्सा है और यह पटना, मोकामा, बेगूसराय और खगड़िया के बीच निर्बाध 4 लेन कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इसका लाभ उत्तर बिहार के कई जिलों को मिलेगा जैसे मधुबनी, सुपौल, अररिया, पूर्णिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, जबकि दक्षिण बिहार के गया, नालंदा, नवादा, औरंगाबाद, जमुई, भागलपुर जैसे जिलों के लिए भी यह संपर्क को आसान बनाएगा. 

वहीं, दक्षिण बिहार के प्रमुख जिलों में औरंगाबाद, गया, नवादा, जहानाबाद, पटना, नालंदा, रोहतास, जमुई, बांका और भागलपुर के लोगों को भी इस पुल से पटना आना-जाना आसान हो जाएगा. लोगों को जाम से राहत मिलेगी. पहले ही पटना से बख्तियारपुर 4 लेन रोड और सिमरिया से खगड़िया तक फोर लेन सड़क का काम पूरा हो चुका है. साथ ही खगड़िया से पूर्णिया तक सड़क चौड़ीकरण पर भी कार्य जारी है.

सांस्कृतिक और क्षेत्रीय महत्व

यह पुल सिमरिया धाम तक आसान पहुंच प्रदान करता है, जो महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि है. इसके ज़रिए धार्मिक पर्यटन को भी बल मिलेगा. पुल के पश्चिम में एक नया रेल पुल निर्माणाधीन है, जिससे क्षेत्र में भविष्य की यातायात ज़रूरतें पूरी होंगी.

पुल की विशेषताएं

यह छह लेन पुल 34 मीटर चौड़ा है और अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों से निर्मित है. इसकी मजबूती और डिजाइन इसे लंबे समय तक उपयोगी बनाएंगे. यह आज़ादी के बाद बनाए गए 1959 के राजेंद्र सेतु की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.

मोदी के 2015 के विशेष पैकेज का हिस्सा

इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2015 में घोषित विशेष पैकेज का हिस्सा था. 2017 में मोकामा में हुए एक समारोह में उन्होंने इसकी आधारशिला रखी थी. अब 2025 में इसका उद्घाटन हुआ है, जिससे यह एक लंबी योजना की सफलता का प्रतीक बन गया है.

पूर्वी भारत के लिए एक नया प्रतीक

यह पुल न केवल बिहार, बल्कि पूरे पूर्वी भारत के बुनियादी ढांचे में एक मील का पत्थर है. इससे आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी. लोगों में इस पुल के उद्घाटन को लेकर भारी उत्साह और गर्व का माहौल है.

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22 August 2025, 05:34 PM IST

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