Jammu & Kashmir : भारत के लिए 5 अगस्त की तारीख है ऐतिहासिक, आज ही के दिन जम्मू-कश्मीर से हटाई गया था आर्टिकल 370

Amit Shah : 5 अगस्त 2019 को गृह मंत्री अमित शाह ने आर्टिकल 370 को रद्द कर दिया था. उन्होंने दूसरा ऐलान भी किया था कि जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा

Nisha Srivastava
Nisha Srivastava

Article 370 : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए गए. इन में जम्मू और कश्मीर से आर्टिल 370 को हटाना भी शामिल है. आज सरकार के इस फैसले को पूरे चार साल हो गए हैं. 5 अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने संसद में काननू लाकर आर्टिकल 370 को रद्द कर दिया था. आर्टिल 370 को हटाने का ऐलान करने से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. चार साल पहले संसद का मानसून सत्र चल रहा था. तब केंद्रीय गृहमंत्री अचानक लोकसभा की जगह राज्यसभा पहुंच गए. उसके बाद ही उन्होंने इस बारे में बोलना शुरू किया.

गृह मंत्री ने किया था ऐलान

गृह मंत्री अमित शाह 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा गए थे. वहां पहुंच उन्होंने तत्कालीन राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू बैठे हुए थे. उन्होंने सभापति से इजाजत ली और आर्टिकल 370 पर बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 को भारत के राष्ट्रपति की सिफारिश पर जिस दिन से यह गजट प्रकाशित किया जाएगा उस दिन से अनुच्छेद 370 का कोई भी खंड राज्य में लागू नहीं होगा. इसी के साथ उन्होंने दूसरा ऐलान भी किया था कि जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. अमित शाह के इस घोषणा के बाद से ही देशभर में हंगामा मच गया.

क्या है आर्टिकल 370

जब आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर में लागू था तब राज्य को विशेषाधिकार मिलते थे.

• सभी राज्यों में से जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार प्राप्त था.

• वहां पर लोगों को दोहरी नागरिकता मिलती थी.

• जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा होता था और वहां राष्ट्रपति शासन लागू नहीं हो सकता था.

• आर्टिकल 360 यानी आर्थिक आपातकाल लागू नहीं हो सकता था.

• अल्पसंख्यकों को आरक्षण की सुविधा नहीं और दूसरे राज्यों के लोग वहीं पर जमीन नहीं खरीद सकते थे.

• भारत की सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला लागू नहीं और संसद सीमित क्षेत्रों में ही कानून बना सकती थी.

• महिलाएं भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी नहीं करती तो उसकी नागरिकता खत्म हो जाती थी. लेकिन पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करने पर ऐसा नहीं था.

• आईटीआई कानून लागू नहीं हो सकता था और विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का होता था.

• राष्ट्रपति को राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था.

• कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून

• पंचायतों के पास अधिकार नहीं

• पहले पाकिस्तनियों को भी भारत की नागरिकता मिल जाती थी.

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05 August 2023, 12:54 PM IST

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