मेरठ की सना ने पाकिस्तान में की शादी, अब पति के पास जाने से रोका गया, जानें वजह
सना ने बताया कि उनके पति बिलाल भी उन्हें और बच्चों को लेने के लिए सीमा पर आए थे, लेकिन नए सरकारी निर्देशों के चलते परिवार एक साथ पाकिस्तान नहीं लौट सका. अधिकारियों ने सना को वापस मेरठ लौटने का निर्देश दिया और सलाह दी कि वह आगे की कार्रवाई के लिए नए सरकारी दिशा-निर्देशों का इंतजार करें.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत, एक भारतीय महिला को अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान में प्रवेश करने से रोक दिया गया. वहीं, उसके दोनों छोटे बच्चों को पाकिस्तान जाने की अनुमति दे दी गई, क्योंकि उनके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट था.
सना के पास भारतीय पासपोर्ट
मेरठ, उत्तर प्रदेश की रहने वाली सना, जिन्होंने 2020 में कराची निवासी डॉक्टर बिलाल से विवाह किया था, हाल ही में भारत अपने माता-पिता से मिलने आई थीं. सना के पास भारतीय पासपोर्ट है, जबकि उनके तीन वर्षीय बेटे और एक वर्षीय बेटी के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं. केंद्र सरकार के नए आदेशों के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने की तय समयसीमा के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया था. इसी क्रम में सना अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान लौटने के लिए शुक्रवार को अटारी-वाघा सीमा पहुँचीं.
हालांकि, सीमा अधिकारियों ने सना को रोक दिया और स्पष्ट किया कि भारतीय पासपोर्ट होने के कारण वह भारत नहीं छोड़ सकतीं. बच्चों को, जिनके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट था, पाकिस्तान जाने की अनुमति मिल गई. स्थिति को देखकर सना भावुक हो उठीं और रोने लगीं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मेरे बच्चे वहां चले जाएंगे और मैं यहां रह जाऊंगी. मेरे बच्चे इतने छोटे हैं कि वे मेरी देखभाल के बिना नहीं रह सकते."
शादी के बाद सना की दूसरी भारत यात्रा
सना ने बताया कि उनके पति बिलाल भी उन्हें और बच्चों को लेने के लिए सीमा पर आए थे, लेकिन नए सरकारी निर्देशों के चलते परिवार एक साथ पाकिस्तान नहीं लौट सका. अधिकारियों ने सना को वापस मेरठ लौटने का निर्देश दिया और सलाह दी कि वह आगे की कार्रवाई के लिए नए सरकारी दिशा-निर्देशों का इंतजार करें.
सना ने बताया कि शादी के बाद यह उनकी दूसरी भारत यात्रा थी. उन्होंने पहली बार लगभग तीन साल पहले भारत का दौरा किया था. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए हमलावरों को "कड़ी से कड़ी सजा" दिए जाने की मांग की और सरकार से अपील की कि मानवीय आधार पर उन्हें भी अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान जाने दिया जाए.
250 से अधिक पाकिस्तानी नागरिकों ने छोड़ा भारत
एक सीमा अधिकारी ने जानकारी दी कि पिछले दो दिनों में अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए 250 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ चुके हैं. पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जारी आदेश के अनुसार, आगमन पर वीजा, व्यापार, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, आगंतुक, समूह पर्यटक, तीर्थयात्री और समूह तीर्थयात्री वीजा श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले लोगों को रविवार तक भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
इसके अलावा, सार्क वीजा धारकों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तिथि शनिवार निर्धारित थी, जबकि चिकित्सा वीजा धारकों के लिए 29 अप्रैल अंतिम तारीख है. यह सख्त कदम केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या के बाद उठाया गया है.
तीन साल जेल और तीन लाख रुपये जुर्माना
सरकार ने नए नियमों के तहत, वीजा अवधि समाप्त होने के बावजूद भारत में रुकने पर तीन साल तक की जेल या तीन लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया है. सभी राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे समयसीमा से अधिक भारत में ठहरे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें.
सना का मामला एक मानवीय संकट का उदाहरण बन गया है, जिसमें राजनीतिक तनाव के बीच आम नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अब उनकी उम्मीदें नए सरकारी आदेशों और विशेष मानवीय सहूलियत पर टिकी हैं.