भारत नहीं छोड़ने पर पाकिस्तानी नागरिकों को हो सकती है जेल, लग सकता है 3 लाख का जुर्माना, क्या है नया आव्रजन कानून?
4 अप्रैल से लागू हुए नए आव्रजन और विदेशी कानून के अनुसार, वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद भारत में रुकने, वीजा शर्तों का उल्लंघन करने या प्रतिबंधित क्षेत्रों में बिना अनुमति प्रवेश करने पर आरोपी को तीन साल तक की सजा या तीन लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर देश न छोड़ने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे व्यक्तियों को न केवल गिरफ्तार किया जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ मुकदमा भी चलेगा और दोषी पाए जाने पर उन्हें तीन साल तक की जेल या तीन लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों का सामना करना पड़ सकता है.
सरकार का यह निर्देश 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी. अधिकतर मृतक पर्यटक बताए जा रहे हैं. इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को "भारत छोड़ो" नोटिस जारी किया था.
सरकारी आदेश के अनुसार, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) वीजा धारकों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल निर्धारित की गई थी, जबकि चिकित्सा वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक देश से निकलना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा, आगमन पर वीजा, व्यापार, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, आगंतुक, समूह पर्यटक, तीर्थयात्री और समूह तीर्थयात्री वीजा श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को भी निर्धारित समय के भीतर भारत छोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है.
क्या है नया आव्रजन कानून?
4 अप्रैल से लागू हुए नए आव्रजन और विदेशी कानून के अनुसार, वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद भारत में रुकने, वीजा शर्तों का उल्लंघन करने या प्रतिबंधित क्षेत्रों में बिना अनुमति प्रवेश करने पर आरोपी को तीन साल तक की सजा या तीन लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
अधिनियम में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई विदेशी नागरिक बिना वैध पासपोर्ट या वैध वीजा के भारत में प्रवेश करता है या उसकी शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसे भी यही सजा दी जा सकती है. कानून के तहत, नियमों, आदेशों या निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की गई है.
गृह मंत्री शाह ने दिए मुख्यमंत्रियों को निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक तय समय सीमा के बाद भारत में न रुके. शाह के निर्देशों के बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए जा चुके हैं, उन्हें तत्काल भारत छोड़ने के लिए बाध्य किया जाए.
पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण चल रहे रिश्ते, पहलगाम हमले के बाद और भी अधिक बिगड़ गए हैं. भारत सरकार ने हमले के तुरंत बाद कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और नई वीजा नीति लागू करना शामिल है. वहीं, पाकिस्तान ने भी भारत के इन कदमों के विरोध में अपने स्तर पर प्रतिक्रिया दी है.
गौरतलब है कि भारत सरकार किसी भी प्रकार की सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है. देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों में सरकार की "जीरो टॉलरेंस" नीति के तहत इस प्रकार के कठोर कदम उठाए जा रहे हैं. अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी विदेशी नागरिक के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी.