बिहार वोटर लिस्ट से निकाले जाएंगे 51 लाख वोटर्स के नाम, चुनाव आयोग ने जारी किए आंकड़े
बिहार में चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत 51 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं. कारणों में मृत्यु, पलायन और दोहरा पंजीकरण शामिल है. मसौदा सूची 1 अगस्त को जारी होगी. आपत्तियों के लिए 1 माह का समय मिलेगा. आयोग ने पारदर्शिता और समावेशिता का आश्वासन दिया है.

Bihar Assembly Elections 2025: चुनाव आयोग ने हाल ही में बताया कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के दौरान राज्य की मतदाता सूची से लगभग 51 लाख नामों को हटा दिया गया है. यह कदम मृत्यु, पलायन और दोहरे पंजीकरण जैसी वजहों से उठाया गया है. आयोग के अनुसार, 18 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, 26 लाख ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बदले हैं और 7 लाख लोग दो स्थानों पर पंजीकृत पाए गए.
1 अगस्त को सामने आएगी लिस्ट
यह जानकारी मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन से दो दिन पहले जारी की गई है, जो 1 अगस्त को प्रकाशित होगी. आयोग ने कहा है कि इस सूची में सभी पात्र मतदाताओं को शामिल करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. साथ ही, जिन लोगों ने अपना गणना फॉर्म (Enumeration Form) भरा है, उन्हें मसौदा सूची में शामिल किया जाएगा, चाहे उन्होंने दस्तावेज़ लगाए हों या नहीं.
विपक्ष की चिंता और आयोग की प्रतिक्रिया
बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाए जाने पर विपक्ष ने गंभीर चिंता जताई है और इसे चुनावी रणनीति से जोड़ते हुए राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. जवाब में, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और समावेशी है. आयोग ने जनता को आश्वस्त किया कि मतदाता सूची में संशोधन के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया जाएगा.
आपत्तियों और सुधारों के लिए एक महीना
आयोग के अनुसार, मसौदा सूची जारी होने के बाद, 1 अगस्त से 1 सितंबर तक का समय जनता को दिया जाएगा ताकि वे आपत्तियाँ दर्ज करा सकें या किसी भी प्रकार का सुधार करवा सकें. जिन लोगों ने अब तक फॉर्म नहीं भरा है, वे निर्धारित फॉर्मेट में घोषणा पत्र के साथ दावा कर सकते हैं. अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी.
मतदाता नामांकन की प्रक्रिया जारी रहेगी
एक महत्वपूर्ण बात यह भी बताई गई कि नए मतदाताओं का नामांकन प्रक्रिया की अंतिम तिथि तक जारी रहेगा. इसका उद्देश्य हर पात्र नागरिक को मतदान का अधिकार सुनिश्चित करना है.
SIR में आयोग का कार्य और समन्वय
चुनाव आयोग ने बताया कि इस व्यापक अभियान के तहत राज्य के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नियुक्त लगभग 1 लाख बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ), 4 लाख स्वयंसेवक और 1.5 लाख बूथ एजेंट (बीएलए) मतदाताओं की पहचान और संपर्क के लिए जुटे हुए हैं. विशेषकर उन लोगों की पहचान की जा रही है जो अब तक फॉर्म जमा नहीं कर पाए हैं या पते पर अनुपस्थित पाए गए हैं.


