जवान से पिटाई मामले में NHAI ने टोल एजेंसी पर लगाया 20 लाख का जुर्माना, ठेका होगा रद्द
भुनी टोल प्लाजा पर टोल कर्मचारियों द्वारा सेना के जवान कपिल सिंह और उनके भाई शिवम के साथ मारपीट की गई, जिसके बाद NHAI ने टोल एजेंसी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और अनुबंध समाप्त कर दिया. इस घटना ने टोल कर्मचारियों की गुंडागर्दी और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं.

17 अगस्त की रात मेरठ-करनाल राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-709A) पर स्थित भुनी टोल प्लाजा पर एक शर्मनाक घटना घटी, जिसमें भारतीय सेना के जवान कपिल सिंह और उनके भाई शिवम के साथ टोल कर्मचारियों ने बेरहमी से मारपीट की. यह घटना उस वक्त हुई जब दोनों दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट जा रहे थे, क्योंकि कपिल सिंह को श्रीनगर में अपनी ड्यूटी जॉइन करनी थी.
टोल प्लाजा पर थी वाहनों की लंबी कतार
कपिल सिंह और शिवम ने भुनी टोल प्लाजा पर लंबी कतार के कारण जल्दी वाहन निकालने की अपील की थी, लेकिन टोल कर्मचारियों के साथ इस पर विवाद बढ़ गया. आरोप है कि टोल कर्मचारियों ने कपिल को खंभे से बांधकर लाठी-डंडों से पीटा और एक कर्मचारी ने तो ईंट उठाने की भी कोशिश की. जब कपिल के भाई शिवम ने उन्हें बचाने की कोशिश की, तो उनके साथ भी मारपीट की गई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे जनता में आक्रोश फैल गया.
लोगों ने कर्मचारियों के खिलाफ जताया विरोध
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ ने टोल प्लाजा पर जमा होकर कर्मचारियों के खिलाफ विरोध जताया और तोड़फोड़ की. इस हिंसक प्रदर्शन से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया. मेरठ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की और कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.
NHAI ने उठाया सख्त कदम
इस घटना के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सख्त कदम उठाया और टोल कलेक्शन एजेंसी, मेसर्स धरम सिंह एंड कंपनी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. NHAI ने कंपनी का अनुबंध समाप्त करते हुए भविष्य में टोल प्लाजा की बिडिंग में भाग लेने से रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. NHAI ने एक बयान में कहा कि कंपनी अपने कर्मचारियों को अनुशासित रखने में नाकाम रही, जो कि अनुबंध का उल्लंघन है. साथ ही, उन्होंने इस तरह के व्यवहार की कड़ी निंदा की और यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई.
इस घटना ने टोल कर्मचारियों के व्यवहार और स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को लेकर गुस्से में हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.


