72 घंटे के भीतर होगा हत्यारा पुलिस के कब्जे में, अंतिम दर्शन के लिए राजपूत भवन में रखा जाएगा शव

Karni Sena Sukhdev Singh Gogamedi Murder: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड को लेकर श्याम नगर थाने में उनकी पत्नी ने जो FIR दर्ज कराई है उसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी पर भी आरोप लगाए हैं.

JBT Desk
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हाइलाइट

  • गिरफ्तारी का आश्वासन मिलने के बाद धरना खत्म
  • अंतिम दर्शन के लिए राजपूत भवन में रखा जाएगा शव

जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है. सुखदेव सिंह की पत्नी ने श्याम नगर थाने में FIR दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान के डीजीपी का जिक्र भी है. FIR में कहा गया कि सुखदेव सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और DGP से सुरक्षा मांगी थी बावजूद इसके उनकी जानबूझकर सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई. साथ ही FIR में पंजाब पुलिस, ATS सहित अन्य और भी लोगों का जिक्र किया है. सुरक्षा नहीं मिलने की वजह से ही 5 दिसंबर को दोपहर में मिलने के बहाने हत्यारों ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या कर दी.

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पत्नी ने धरना की ख़त्म

करनी सेना के अध्यक्ष की सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद उनकी पत्नी ने हत्या के विरोध में धरना कर रही थी. दरअसल, हत्याकांड वांछितों की 72 घंटे के भीतर गिरफ़्तारी का लिखित आश्वासन मिलने पर पत्नी ने धरना ख़त्म किया. 7 दिसंबर सुबह शव को जयपुर के राजपूत भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. लगभग 2 घंटे तक सुखदेव सिंह के अंतिम दर्शन का कार्यक्रम चलेगा.  उसके बाद सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव गोगामेड़ी ले जाया जाएगा. 

सुखदेव सिंह की हत्या किसी फ़िल्मी सीन से कम नहीं

सुखदेव सिंह की हत्या का जो CCTV फुटेज देखा गया उसमें साफ देखा गया कि किस तरह से हमलावर ने गोगामेड़ी को मरने के लिए एक दो नहीं बल्कि कई राउंड फायरिंग की. पहले गोली गोगामेड़ी को ही मारी गई. हमलावरों ने जाते-जाते उनके सिर में मारी थी. शूटरों के चेहरे पर न नकाब था और न ही उन्हें सीसीटीवी फुटेज का कोई डर था. हत्या की प्लानिंग इतनी तगड़ी थी कि अब तक पुलिस हमलावरों के बारे में कोई सुराग नही निकाल पाई है.

करनी सेना के अध्यक्ष की सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या का जिम्मेदारी लेने वाला गैंगस्टर रोहित गोदारा लॉरेंस बिश्नोई और गोल्ड़ी बराड़ गिरोह से है. इस पुरे गैंग के काम करने का अंदाज बिलकुल ही अलग है. सुपारी लेने से शिकार का काम तमाम होने तक यह गैंग एक अलग ही पैटर्न में काम करता है. इसी वजह से पुलिस कोई भनक नहीं लग पाती जबतक कि कोई इसकी जिम्मेदारी न ले. गोगामेड़ी की हत्या के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है.

गैंग में कैसे रची जाती है साजिश

लॉरेंस बिश्नोई गैंग में सैकड़ों शार्प शूटर हैं, बताया जाता है कि ये शूटर कभी किसी एक दूसरे के संपर्क में नहीं रहते. जब भी कोई टारगेट तय होता है तो उस टारगेट के करीब के शूटर एक्टिव किए जाते हैं, ये शूटर सिर्फ अपने से ऊपर एक अपराधी को जानता है. जब हत्या की प्लानिंग होती है तो शूटर एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं, लेकिन ये सारी प्लानिंग एक APP के जरिए की जाती है. हर शूटर का एक कोड वर्ड होता है, जिससे कि किसी को किसी का ओरिजिनल नाम पता न चले. इसी प्लानिंग में ये तय हो जाता है कि कौन टारगेट की रेकी करेगा, और हथियार कौन लाएगा, गाड़ियों का इंतजाम कौन करेगा. शूटर कहां भागेंगे और कहां पनाह लेंगे. दावा तो यहां तक किया जाता है कि कई बार साथ गए शूटर भी एक-दूसरे के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं.
 

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07 December 2023, 08:14 AM IST

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