₹35,000 करोड़ की डील और कूटनीति का कमाल: आखिर सुदर्शन चक्र कैसे बना भारत की ढाल और पाकिस्तान का काल?
भारत ने रूस से खरीदी एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम किया. यह ₹35,000 करोड़ की डील भारत के लिए गेम चेंजर साबित हुई, बावजूद इसके कि अमेरिका ने इस पर दबाव डाला था. जानिए कैसे भारत ने अपनी सुरक्षा के लिए कूटनीतिक कदम उठाए और पाकिस्तान को जवाब दिया.

Sudarshan Shield: भारत की एयरफोर्स ने हाल ही में पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर दिखाया है. यह कामयाबी भारत के एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 "सुदर्शन" के कारण संभव हो पाई. यह सिस्टम न सिर्फ पाकिस्तान के हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने में सफल रहा बल्कि भारतीय वायुसेना के लिए गेम चेंजर साबित हुआ है. इस प्रणाली को 6 साल पहले रूस से ख़रीदा गया था, और तब से यह भारत की सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बन चुका है.
एस-400: भारत का 'सुदर्शन चक्र'
भारत ने इस एयर डिफेंस सिस्टम का नाम भगवान श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र के नाम पर रखा है. एस-400 की ताकत यह है कि यह एक ही समय में 36 लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट करने में सक्षम है. इसका रेंज 400 किमी तक है, जिससे यह दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है. इसके अलावा, यह स्टील्थ विमान जैसे अमेरिकी एफ-35 को भी रडार पर पकड़ सकता है.
भारत-रूस डील: संघर्ष और दबाव
भारत ने 2018 में रूस के साथ इस सौदे को अंतिम रूप दिया था, जिसकी कीमत ₹35,000 करोड़ से भी ज्यादा थी. लेकिन इस डील पर अमेरिका ने दबाव डाला था, क्योंकि अमेरिका के कानून CAATSA के तहत रूस से रक्षा सौदों पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं. इसके बावजूद, भारत ने अमेरिका के दबाव को नकारते हुए अपनी सुरक्षा के हित में एस-400 डील को पूरा किया. भारत ने साफ किया कि यह सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसे पूरी तरह से अपने संप्रभु अधिकार के तहत किया गया है. भारत ने अमेरिका से कहा कि वह अपनी रक्षा खरीद में विविधता बनाए रखेगा और इसके लिए किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा.
पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश
हाल ही में पाकिस्तान ने भारत के विभिन्न सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की थी, लेकिन एस-400 सिस्टम की मदद से भारतीय सेना ने उन्हें नाकाम कर दिया. इससे पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश मिला कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है. पाकिस्तान के हमले असफल रहे, और भारत ने अपने रक्षा तंत्र की ताकत का प्रदर्शन किया.
भारत की कूटनीति की जीत
यह पूरा घटनाक्रम भारत की कूटनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा की समझ का एक बेहतरीन उदाहरण है. अमेरिका के दबाव और वैश्विक राजनयिक चुनौती के बावजूद, भारत ने अपनी सुरक्षा प्राथमिकताओं को सर्वोपरि रखा और एस-400 सिस्टम के माध्यम से अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत किया. आज, यह सिस्टम न केवल भारत की ढाल बन चुका है, बल्कि पाकिस्तान के लिए काल साबित हो रहा है.
अमेरिका का नजरिया और भारत की रणनीति
अमेरिका के साथ संबंधों को बनाए रखते हुए, भारत ने रूस से एस-400 सिस्टम को खरीदने का अपना निर्णय सही साबित किया. अमेरिका ने भले ही इस सौदे को लेकर चिंता जताई हो, लेकिन भारतीय कूटनीति ने इसे एक ठोस तरीके से संभाला. आज भारत के पास जो एस-400 सिस्टम है, वह उसकी स्वतंत्र कूटनीतिक नीतियों का परिणाम है और साथ ही पाकिस्तान और चीन जैसे देशों से सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा फायदा भी है.
सुदर्शन चक्र की इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने के मामले में बिल्कुल भी समझौता नहीं करता, चाहे वह दुनिया के किसी भी दबाव का सामना कर रहा हो.