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भारतीय नौसेना को मिलेगा ताकतवर साथ, सरकार ने 26 राफेल जेट की खरीद को दी मंजूरी

Rafale Marine deal India: भारतीय नौसेना को जल्द ही अत्याधुनिक राफेल मरीन जेट्स की ताकत मिलने वाली है. केंद्र सरकार ने फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के 63,000 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दे दी है. इस फैसले से नौसेना की समुद्री युद्ध क्षमता में बड़ा इजाफा होगा.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Rafale Marine deal India: भारत सरकार ने फ्रांस के साथ एक महत्वपूर्ण अंतर-सरकारी रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद की जाएगी. यह सौदा लगभग 63,000 करोड़ रुपये का है और आने वाले हफ्तों में इसे औपचारिक रूप दिया जाएगा. इस निर्णय के साथ भारत अपनी नौसेना की सामरिक क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है.

इस डील के तहत राफेल मरीन जेट्स को भारत के दो प्रमुख एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य – पर तैनात किया जाएगा. इससे नौसेना को समुद्र में अत्याधुनिक वायु शक्ति मिलेगी और पुराने पड़ चुके मिग-29के विमानों को 2031 तक पूरी तरह से हटाया जा सकेगा.

22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर राफेल होंगे शामिल

सूत्रों के अनुसार, इस सौदे में 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर राफेल मरीन फाइटर जेट्स शामिल होंगे. इसके अलावा इसमें बेड़े के रखरखाव, लॉजिस्टिक सपोर्ट, नौसैनिक कर्मियों के प्रशिक्षण और ‘ऑफसेट दायित्वों’ के तहत स्वदेशी निर्माण से जुड़े महत्वपूर्ण घटकों की आपूर्ति भी शामिल है.

कैबिनेट सुरक्षा समिति ने दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने इस सौदे को अपनी औपचारिक मंजूरी दी है. यह कदम भारत की समुद्री सुरक्षा रणनीति को मजबूती देने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है.

राफेल मरीन जेट

राफेल मरीन जेट, राफेल लड़ाकू विमान का कैरियर-बेस्ड संस्करण है जो अत्याधुनिक एवियोनिक्स, हथियार प्रणालियों और बहुआयामी संचालन क्षमताओं से लैस है. इसे विशेष रूप से नौसेना की जरूरतों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है जिसमें शॉर्ट टेक-ऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी (STOBAR) तकनीक शामिल है.

2029 से शुरू होगी डिलीवरी

सूत्रों के मुताबिक, राफेल मरीन फाइटर जेट्स की डिलीवरी लगभग चार वर्षों में शुरू होने की संभावना है. नौसेना को पहला जत्था 2029 के अंत तक मिलने की उम्मीद है और 2031 तक पूरा बेड़ा शामिल कर लिया जाएगा. इसके साथ ही INS विक्रांत और विक्रमादित्य पर यह जेट्स पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएंगे.

फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन से सीधे डील

यह सौदा अंतर-सरकारी मार्ग से किया जा रहा है, जिससे समय पर डिलीवरी और भरोसेमंद रखरखाव सुनिश्चित होगा. इस डील के माध्यम से फ्रांसीसी कंपनी Dassault Aviation भारतीय नौसेना को आवश्यक तकनीकी और रणनीतिक सहयोग भी प्रदान करेगी.

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09 April 2025, 12:56 PM IST

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