Paper Leak सरकार के लिए बन गई थी बड़ी समस्या; जानिए किस राज्य में सबसे ज्यादा मामले
Paper leak : देश में पेपर लीक के मामले पिछले पांच सालों में नासूर बन गए हैं. इसकी वजह से लाखों युवाओं का भविष्य खराब हुआ है और सरकार को करोड़ो का घाटा लगने के साथ ही साख खराब हुई है.
Paper leak : केंद्र की मोदी सरकार ने देश में पेपर लीक और परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए संसद में लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 पेश किया है. इस कानून के तहत परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों को 10 साल कैद से लेकर 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. इस विधेयक का नाम लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 है. संसद में इस विधेयक को पारित करने के पीछे बड़ी वजह है और वजह यह है कि पिछले 5- 7 साल से भारत के अलग-अलग राज्यों में राष्ट्रीय और प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक और गड़गड़ी की खबरे लगातार आ रही थीं. इसके चलते सरकारी तंत्र परेशान था और युवाओं का भविष्य खराब हो रहा था. इसको देखते हुए सरकान ने सख्त कदम उठाया है.
पांच सालों में तेजी से बढ़े पेपर लीक के मामले
आखिर देश में पेपर लीक, परीक्षाओं में गड़बड़ी कितनी बड़ी बीमारी बन गई थी इसके बारे में आपको बताते हैं. आज हम जानते हैं कि पिछले पांच सालों में किस राज्य में सबसे ज्यादा पेपर लीक के मामले सामने आए हैं. तो मोटे तौर पर हम आपको बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में पेपर लीक के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 सालों में देश के 15 राज्यों में पेपर लीक के मामले समाने आए हैं. करीब 41 नौकरियों में भर्ती परीक्षाओं से पहले पेपर लीक हो गया था, इससे कई लाख उम्मीदवारों के सपने टूटे हैं और उन्हें दोबारा परीक्षा का इंतजार करना पड़ा है.
राजस्थान में पेपर लीक के सबसे ज्यादा मामले
रिपोर्ट के अनुसार राजस्थाम में सबसे ज्यादा पेपर लीक के मामले सामने आए हैं. तेलंगाना और मध्यप्रदेश में 5 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. तेलंगाना की 5 परीक्षाओं में 3,770 पदों पर भर्ती होनी थी जिसके लिए 6 लाख 74 हजार उम्मीदवार पेपर देने वाले थे लेकिन उससे पहले ही पेपर आउट हो गया था. वहीं, मध्यप्रदेश में 5 परीक्षाओं में कुल 3,690 पदों पर आवेदन मांगे गए थे, इसमें 1 लाख 64 उम्मीदवार परीक्षा में बैठने वाले थे. वहीं जम्मू-कश्मीर में 3 परीक्षाओं में पेपर लीक हो चुके हैं.
पेपर लीक को लेकर लोकसभा में बिल पेश
मोदी सरकार ने देश में पेपर लीक मामले को गंभीरता से लिया है. 5 फरवरी को प्रवेश परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक को रोकने के लिए लोकसभा में एक नया बिल पेश किया गया. इसका उद्देश्य पेपर में नकल कम करना और पेपर लीक को रोकना है. इस मामले में दोषी पाए जाने पर 3 से 5 लाख का जुर्माना और 1 से 10 साल तक कि सजा का प्रावधान है. प्रस्तावित विधेयक में यह बात स्पष्ट का गई है कि कानून के तहत विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान होगा. असम और गुजरात जैसे राज्य इस तरह के कानून लेकर आए हैं.