समुद्र के बीचों-बीच होने पर भी हाजी अली दरगाह आखिर क्यों नहीं डूबती? जानिए यहाँ की कहानी
महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित बाबा हाजी अली शाह बुखारी की एक दरगाह है, जो अब पूरे विश्व के श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बन गया है. इस दरगाह का इतिहास काफी रोचक रहा है
हाइलाइट
- समुद्र के बीचों-बीच होने पर भी हाजी अली दरगाह आखिर क्यों नहीं डूबती? जानिए यहाँ की कहानी
हिंदुस्तान एक ऐसा देश है जहां सभी प्रकार के धर्म का सम्मान किया जाता है. प्रत्येक महत्वाकांक्षाएँ, सभी दुआएं, हर मुरादे को पूरा करने के लोग मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या फिर दरगाह पर जाते हैं. लेकिन कुछ ऐसे स्थान हैं जहां हर धर्म के मानने वाले लोग जाते हैं और अपनी-अपनी दुआ करते हैं. प्राथना की कुछ जगहें इतनी फेमस हो जाती हैं कि ऊपर वाले के वजूद पर यकीन रखने वाला हर सख्श सभी दीवारे तोड़कर अपने खुदा के पास पहुच ही जाता हैं. अरब सागर की खाड़ी में भी एक ऐसी ही दरगाह हैं जहाँ क्या मुसलमान, क्या हिन्दू सभी धर्म के लोग जाकर प्राथना करते हैं. हम सब उस जगह को “हाजी अली दरगाह” के नाम से जानते हैं.
महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित बाबा हाजी अली शाह बुखारी की एक दरगाह है, जो अब पूरे विश्व के श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बन गया है. इस दरगाह का इतिहास काफी रोचक रहा है, जिसकी स्थापना सन 1431 ई में की गई थी.
क्या यह दरगाह वाकई में नहीं डूबती?
इस दरगाह के चमत्कारी दरगाह कहा जाता है. कहा जाता है कि यह दरगाह समुद्र पर बनाई गई है, तो जाहिर है कि जब समुद्र का पानी ऊपर आता है पूरी दरगाह डूब जाती होगी. पर हैरान कर देने वाली बात है कि दरगाह के अंदर बिल्कुल भी पानी नहीं भरता. कहते हैं कि समंदर के बीचों बीच होने के बाद भी दरगाह में लहरें जाने से कतराती हैं.
आपको बता दें कि इस दरगाह में जाने के लिए काफ़ी लम्बा रास्ता तय करना होता हैं. दरगाह तक पहुचने के लिए सीमेंट से बने एक पूल का सहारा लेना होता हैं, जिसके दोनों ओर समुद्र हैं. समुद्र ज्यादातर ज्वार के कारण चढ़ा ही होता हैं. समुद्र का पानी जब नीचे होता हैं तब तो यह पूल लोगों के आने-जाने के लिए खुला रहता हैं लेकिन जब पानी चढ़ा होता हैं तब यह रास्ता बंद हो जाता हैं. पानी के कारण न तो कोई दरगाह में जा सकता हैं न ही कोई दरगाह से बाहर आ सकता हैं. लेकिन सबसे चमत्कार की बात ये है कि ज्वार के समय चढ़े हुए समुद्र के पानी की एक बूंद भी इस दरगाह के अंदर नहीं जाती हैं. ऐसे समय में दरगाह का यह नज़ारा बहुत ही ख़ूबसूरत नज़र आता हैं.