'जब तक इस्लाम अस्तित्व में रहेगा, आतंकवाद जिंदा रहेगा', पहलगाम आतंकी हमले पर तस्लीमा नसरीन का फूटा गुस्सा
कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा धर्म आधारित हमले में 28 लोग मारे गए, जिनमें कई पर्यटक शामिल थे. हमलावरों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी, जिससे पूरी दुनिया में आतंकवाद के खौफनाक रूप को उजागर किया.

पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस हमले में 28 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें कई पर्यटक भी शामिल थे. ये हमला बेहद खौफनाक था, क्योंकि आतंकवादियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों को निशाना बनाया और निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी. घटना की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हमलावरों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर, उनके पैंट खोलकर ये जांचने की कोशिश की कि वे हिंदू हैं या मुस्लिम और इसके बाद उन्हें गोलियों से भून डाला.
ये हमला पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के विवादास्पद बयान के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बातें की थी. हमले के बाद की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें ये साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ये हमला धर्म के आधार पर किया गया था. चश्मदीदों का कहना है कि आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और फिर उनके हिसाब से उन्हें गोली मारी.
हनीमून मना रही महिला के पति की हत्या
इस हमले में एक महिला ने अपने पति को खो दिया, जो हाल ही में अपनी शादी के बाद कश्मीर हनीमून पर आया था. घटना की एक वायरल तस्वीर में महिला को अपने मृत पति के शव के पास खड़े हुए देखा गया, जो अपनी जिंदगी के सबसे खुशहाल पल में आतंकवादियों की शिकार हो गए.
तस्लीमा नसरीन का कड़ा बयान
बांग्लादेश की प्रख्यात लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस हमले पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद जिंदा रहेगा. तस्लीमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा- जब तक इस्लाम अस्तित्व में रहेगा, गैर-मुसलमानों को सुरक्षा नहीं मिलेगी, स्वतंत्र विचारकों और तर्कवादियों को सुरक्षा नहीं मिलेगी और महिलाओं को भी सुरक्षा नहीं मिल पाएगी. उनका कहना था कि इस्लाम की कोख से नफरत और आतंकवाद पैदा होता रहेगा और जब तक ये धर्म जीवित रहेगा, दुनिया कभी सभ्य नहीं बन पाएगी.
असावरी जगदाले का बयान
पुणे के व्यापारी संतोष जगदाले की बेटी असावरी ने इस हमले के बारे में बताया कि वो अपने परिवार के साथ कश्मीर के बेताब घाटी में घूमने गई थी, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है. लेकिन ये एक सामान्य यात्रा नहीं थी. असावरी ने कहा कि आतंकवादियों ने खौफनाक तरीके से पुरुष पर्यटकों को निशाना बनाया और गोली मारने से पहले उनसे धर्म के बारे में पूछा था. उन्होंने बताया कि हमला उस समय हुआ जब हमलावर स्थानीय पुलिस के कपड़े पहनकर क्षेत्र में घुसे थे और गोलीबारी शुरू कर दी थी. इस घटना ने ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को आतंकवाद के असली रूप से रूबरू करवा दिया है.


