मुनीर ने किससे रचाई बेटी की शादी, भारत तक क्यों हो रही चर्चा? जानिए पाक आर्मी चीफ का दामाद कौन
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की बेटी की शादी भले ही सादगी से हुई हो, लेकिन दामाद की पहचान और समारोह में शामिल हाई-प्रोफाइल मेहमानों ने इसे अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया है.

नई दिल्ली: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह कोई सैन्य या राजनीतिक बयान नहीं बल्कि उनकी बेटी की शादी है. जनरल मुनीर की तीसरी बेटी माहनूर का निकाह हाल ही में रावलपिंडी में संपन्न हुआ, जिसकी चर्चा अब पाकिस्तान से निकलकर भारत तक पहुंच गई है.
हालांकि यह एक हाई-प्रोफाइल शादी थी, लेकिन देश की मौजूदा सुरक्षा स्थिति और संवेदनशील हालात को देखते हुए समारोह को बेहद सादगी और गोपनीयता के साथ आयोजित किया गया. बिना किसी आधिकारिक तामझाम के हुई इस शादी में मेहमानों की सूची और दामाद की पहचान ने इसे चर्चा का विषय बना दिया.
कब और कहां हुआ निकाह
जनरल आसिम मुनीर की बेटी माहनूर का निकाह 26 दिसंबर को रावलपिंडी में हुआ. यह निजी समारोह आर्मी मुख्यालय (GHQ) के पास स्थित जनरल मुनीर के आवास पर आयोजित किया गया. सुरक्षा कारणों से शादी से जुड़ी कोई भी आधिकारिक तस्वीर सार्वजनिक नहीं की गई.
सूत्रों के मुताबिक, इस समारोह में करीब 400 चुनिंदा मेहमान शामिल हुए, जिससे यह साफ होता है कि आयोजन भले ही लो-प्रोफाइल रहा हो, लेकिन इसकी अहमियत कम नहीं थी.
कौन है पाक आर्मी चीफ का दामाद?
माहनूर का निकाह उनके सगे चचेरे भाई अब्दुल रहमान से हुआ है. अब्दुल रहमान, जनरल आसिम मुनीर के बड़े भाई कासिम मुनीर के बेटे हैं. पारिवारिक जानकारी के अनुसार, वह पहले पाकिस्तान सेना में कैप्टन के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
सेना छोड़ने के बाद अब्दुल रहमान ने सैन्य अधिकारियों के लिए आरक्षित कोटे के तहत सिविल सेवा (CSS) जॉइन की. फिलहाल वह असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं. जनरल मुनीर की चार बेटियां हैं और यह उनकी तीसरी बेटी की शादी थी.
समारोह में कौन-कौन रहा मौजूद
शादी में पाकिस्तान के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की मौजूदगी ने खास ध्यान खींचा. समारोह में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप-प्रधानमंत्री इशाक डार और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ शामिल हुईं.
इसके अलावा आईएसआई प्रमुख, सेना के कई मौजूदा और सेवानिवृत्त जनरल भी इस मौके पर मौजूद थे. नागरिक और सैन्य नेतृत्व की एक साथ मौजूदगी को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह की व्याख्याएं की जा रही हैं.
भारत तक क्यों पहुंची चर्चा?
भारतीय इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, रावलपिंडी में मिलिट्री-कंट्रोल्ड इलाकों में इस तरह के आयोजनों को GHQ के ब्लडलाइन ट्रस्ट नेटवर्क को औपचारिक रूप देने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. यह आयोजन ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान अंदरूनी असंतोष, आर्थिक संकट और सेना के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहा है.
शादी में पूरे नागरिक नेतृत्व की ISI प्रमुख के साथ मौजूदगी को इस बात की पुष्टि के रूप में देखा जा रहा है कि पाकिस्तान में वास्तविक सत्ता अब भी सेना के हाथों में है.
UAE राष्ट्रपति की मौजूदगी का क्या मतलब
सूत्रों के मुताबिक, UAE के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना भी खास संकेत माना जा रहा है. इसे देश में अस्थिरता के बावजूद पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व को खाड़ी देशों के निरंतर समर्थन के रूप में देखा जा रहा है.


