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पोप लियो ने पहले 'मिलेनियम संत' की घोषणा की, कार्लो एक्यूटिस बने संत, लेकिन यहूदी विरोधी होने का आरोप भी

पोप लियो XIV ने 15 वर्षीय कंप्यूटर जीनियस कार्लो एक्यूटिस को कैथोलिक चर्च का पहला ‘मिलेनियम संत’ घोषित किया, जिससे सेंट पीटर्स स्क्वायर में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी.

Carlo Acutis Catholic Saint: रोम के सेंट पीटर्स स्क्वायर में रविवार को पोप लियो XIV ने 15 वर्षीय कंप्यूटर जीनियस कार्लो एक्यूटिस को कैथोलिक चर्च का पहला ‘मिलेनियम संत’ घोषित किया. 2006 में असमय निधन हो चुके कार्लो ने तकनीक के जरिए आस्था को फैलाने का काम किया था, जिस वजह से उन्हें दुनिया भर में ‘ईश्वर के प्रभावक’ (God’s Influencer) के नाम से भी जाना जाता है. 

हजारों लोगों की मौजूदगी में हुए इस ऐतिहासिक आयोजन में भारी भीड़ जुटी, जिसमें बड़ी संख्या में युवा और छोटे बच्चों वाले परिवार शामिल थे. हालांकि, कार्लो एक्यूटिस को संत घोषित करने के इस फैसले के साथ विवाद भी जुड़ा है. उन पर आरोप है कि जिन चमत्कारों का उन्होंने प्रचार किया, उनमें से कुछ सदियों पुराने यहूदी-विरोधी मिथकों पर आधारित थे.

पोप लियो XIV ने कार्लो एक्यूटिस को दिया संत का दर्जा

पोप लियो XIV ने सेंट पीटर्स स्क्वायर में आयोजित विशेष प्रार्थना सभा के दौरान कार्लो एक्यूटिस को संत घोषित किया. यह प्रार्थना सभा खुले मैदान में हुई, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए. इस अवसर पर 36 कार्डिनल, 270 बिशप और 212 पादरी भी मौजूद थे. पोप ने युवाओं का स्वागत करते हुए कहा कि ये चर्च और श्रद्धालुओं दोनों के लिए ऐतिहासिक क्षण है.

पियर जियोर्जियो फ्रैसाती को भी मिला संत का दर्जा

इस समारोह के दौरान, पोप लियो XIV ने एक और लोकप्रिय इतालवी कैथोलिक शख्सियत पियर जियोर्जियो फ्रैसाती को भी संत घोषित किया. युवावस्था में ही उनका निधन हो गया था, लेकिन चर्च और समाज के प्रति उनके योगदान के कारण उन्हें आज सम्मान दिया गया.

विवादों में घिरे कार्लो एक्यूटिस

कार्लो एक्यूटिस की संत घोषणा के साथ विवाद भी जुड़ा है. आलोचकों का कहना है कि उन्होंने जिन चमत्कारों का प्रचार ऑनलाइन किया, उनमें से कुछ यहूदी-विरोधी मान्यताओं से जुड़े थे. कई प्रमुख यहूदी और कैथोलिक संगठनों ने वेटिकन की इस अनदेखी की आलोचना की है और कहा है कि इस तरह के मिथकों ने इतिहास में यहूदी समुदाय के खिलाफ नफरत और हिंसा को बढ़ावा दिया.

श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा

संत घोषित करने की घोषणा के लिए आयोजित इस प्रार्थना सभा में हजारों लोग उमड़ पड़े. पोप लियो XIV ने भीड़ को संबोधित करते हुए ‘इस पवित्र प्रार्थना सभा में आए ढेरों युवाओं’ का स्वागत किया.

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07 September 2025, 06:48 PM IST

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