भारत-पाक तनाव के बीच रूस की अरबों की डील, क्या बदल जाएगा समीकरण?
पिछले कुछ सालों में रूस और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रिश्तों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. वर्ष 2023 में दोनों देशों ने किफायती दरों पर कच्चे तेल की आपूर्ति को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता किया था.

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच रूस ने पाकिस्तान के साथ एक महत्वपूर्ण आर्थिक समझौता किया है, जिससे रणनीतिक संतुलन पर भी असर पड़ सकता है. इस समझौते के तहत कराची में एक अत्याधुनिक स्टील प्लांट का निर्माण किया जाएगा. यह परियोजना 2015 से बंद पड़ी सोवियत-निर्मित पाकिस्तान स्टील मिल्स (PSM) को फिर से सक्रिय करने पर केंद्रित है. करीब 2.6 अरब डॉलर (लगभग 22,000 करोड़ रुपये) की इस डील को पाकिस्तान की डगमगाती अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.
स्टील प्लांट की स्थापना
इस स्टील प्लांट की स्थापना मूल रूप से 1970 के दशक में सोवियत संघ की मदद से की गई थी, लेकिन 2015 में यह आर्थिक और तकनीकी कारणों से बंद हो गया था. अब रूस की सहायता से इसे फिर से चालू किया जाएगा और आधुनिक स्टील निर्माण तकनीकों से लैस किया जाएगा. इससे पाकिस्तान को स्टील के आयात पर निर्भरता में लगभग 30% की कमी आने की उम्मीद है.
रूसी प्रतिनिधि डेनिस नजरूफ और पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस परियोजना की पुष्टि की है. मार्च 2025 में पाकिस्तान ने स्टील स्क्रैप और अर्ध-निर्मित उत्पादों पर 324 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. इस प्लांट से न केवल आयात बिल घटेगा, बल्कि हज़ारों नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे, जिससे कराची और आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा.
क्या ये डील भारत के लिए चिंताजनक?
हालांकि यह डील पूरी तरह से आर्थिक है, लेकिन भारत के लिए यह रणनीतिक रूप से चिंताजनक हो सकती है. खासकर जब जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हैं. रूस की ओर से दोनों पक्षों को शांत रहने की अपील की गई, पर भारत को रूस का यह तटस्थ रवैया थोड़ा असहज कर सकता है.
पिछले कुछ वर्षों में रूस और पाकिस्तान के रिश्तों में स्पष्ट मजबूती आई है. सस्ते कच्चे तेल की डील, कराची-लाहौर गैस पाइपलाइन और समुद्री व्यापार सेवा इसकी मिसालें हैं. हालांकि रूस ने स्पष्ट किया है कि वह भारत को रणनीतिक साझेदार और पाकिस्तान को व्यापारिक सहयोगी मानता है.
फिलहाल भारत ने इस डील पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. रूस के साथ भारत के सैन्य और औद्योगिक संबंध अभी भी गहरे हैं, जिनमें हालिया INS तमाला युद्धपोत और ब्रह्मोस यूनिट शामिल हैं.


