पहलगाम हमले पर पाकिस्तान में मची हलचल, जानिए क्या कह रहे वहां के लोग
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई. इस हमले के बाद पाकिस्तान में सेना प्रमुख जनरल मुनीर के हालिया बयान पर बहस शुरू हो गई है. उन्होंने कुछ दिन पहले कश्मीर को पाकिस्तान की 'गले की नस' बताया था और हिन्दुओं व मुसलमानों में फर्क करने वाला बयान दिया था.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भयावह चरमपंथी हमले ने न केवल भारत को झकझोर कर रख दिया, बल्कि इसने पाकिस्तान में भी नई बहस को जन्म दे दिया है. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक शामिल हैं. यह हमला ऐसे समय हुआ है जब पीएम नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर थे और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं.
हमले की टाइमिंग और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर के हालिया भड़काऊ भाषणों को जोड़कर देखा जा रहा है. जनरल मुनीर ने कुछ दिन पहले ही कश्मीर को पाकिस्तान की "गले की नस" बताया था और हिन्दुओं व मुसलमानों के बीच फर्क को उजागर करने वाला विवादास्पद बयान दिया था.
पाकिस्तान से मिली मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से आई प्रतिक्रियाओं में तीव्रता और भिन्नता देखने को मिली. भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक्स पर लिखा, “मैं आश्वस्त हूँ कि किसी भी भारतीय दुस्साहस को नाकाम करने के लिए पाकिस्तान पूरी तरह तैयार है.' वहीं पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता शेरी रहमान ने हमले की निंदा तो की, लेकिन भारत पर पाकिस्तान को दोष देने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा, “भारत की आदत है कि बिना जांच के हर हमले का दोष पाकिस्तान पर डाल देता है.'
सोशल मीडिया में फूटा गुस्सा
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनीर के भाषण की टाइमिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पाकिस्तानी यूज़र उमर अज़हर ने उनका एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “जनरल मुनीर ने कुछ दिन पहले उन्मादी भाषण दिया था, अब यह हमला उसी का नतीजा लग रहा है.' पाकिस्तानी रक्षा विश्लेषक आयशा सिद्दीक़ा ने इसे रीपोस्ट करते हुए लिखा, “अब देखना है कि यह जोश किस ओर जाता है.'
पश्चिमी मीडिया की चेतावनी
ब्रिटिश पत्रिका ‘द इकनॉमिस्ट’ के डिफेंस एडिटर शशांक जोशी ने लिखा, “मुझे लगता है कि भारत अगले कुछ हफ्तों में पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है.' उन्होंने यहां तक कहा कि “60 प्रतिशत संभावना है कि यह कार्रवाई मई के आखिरी सप्ताह में हो सकती है.'
टू नेशन थ्योरी और हिन्दुओं पर टिप्पणी
जनरल मुनीर ने इस्लामाबाद में आयोजित ‘ओवरसीज़ पाकिस्तानी कन्वेंशन’ में अपने भाषण में हिन्दू-मुसलमानों के बीच अंतर को रेखांकित करते हुए कहा था, 'हम एक नहीं दो राष्ट्र हैं. हमारा मजहब, रिवाज, परंपरा, सोच और मकसद सब अलग हैं.' इस बयान की कड़ी आलोचना हुई. पत्रकार ताहा सिद्दीक़ी ने कहा, 'जनरल मुनीर हिन्दुओं के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं और टू नेशन थ्योरी का झूठ बच्चों को पढ़ा रहे हैं.'
पाकिस्तान के भीतर उठे सवाल
क्या भारत के 20 करोड़ मुसलमान पाकिस्तान में शामिल होना चाहेंगे? सूफी स्कॉलर और पत्रकार सबाहत जकारिया ने तीखा सवाल किया, 'अगर 20 करोड़ भारतीय मुसलमान बाकी भारतीयों से अलग हैं, तो क्या पाकिस्तान उन्हें अपनाने को तैयार है? और दशकों से रह रहे 10 लाख अफगान मुसलमानों को जबरन निकाला जा रहा है, क्या उन पर टू नेशन थ्योरी लागू नहीं होती?'
कश्मीर की शांति कितनी नाजुक
पहलगाम हमले ने एक बार फिर दिखा दिया है कि कश्मीर की शांति कितनी नाजुक है और पाकिस्तान की भूमिका कितनी संदिग्ध. वहीं पाकिस्तान में भी अब यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि जनरल मुनीर की बयानबाज़ी कहीं आग में घी का काम तो नहीं कर रही.


