ट्रंप की कॉल आई तो पुतिन ने बीच में छोड़ा इवेंट, बोले- नहीं उठाया तो बुरा मान जाएंगे...
डोनाल्ड ट्रंप की कॉल पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सार्वजनिक कार्यक्रम बीच में छोड़ दिया और एक घंटे की बातचीत में यूक्रेन युद्ध व ईरान संकट पर चर्चा की.

जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कॉल करते हैं, तो दुनिया के ताकतवर नेता भी रुक जाते हैं, कम से कम रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तो जरूर. हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के बीच पुतिन ने मंच से अचानक उठकर ट्रंप की कॉल अटेंड की और कहा कि उन्हें इंतजार करवाना 'असभ्य' होगा. पुतिन की इस प्रतिक्रिया ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है.
इस कॉल के बाद दोनों नेताओं की बातचीत और यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप की निराशा सुर्खियों में है. ट्रंप ने पुष्टि की कि यह एक लंबी बातचीत थी, जिसमें ईरान की स्थिति और मध्य-पूर्व की कूटनीति भी अहम मुद्दे रहे. हालांकि शांति प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया.
ट्रंप के लिए पुतिन ने छोड़ा कार्यक्रम
एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान पुतिन ने मंच से हटते हुए कहा कि कृपया नाराज ना हों. मैं समझता हूं कि हम और बात कर सकते थे, लेकिन ट्रंप को इंतजार करवाना बहुत अजीब होता, वो नाराज हो सकते हैं. ये बयान दुनिया के दो प्रमुख नेताओं के बीच के रिश्ते की गंभीरता और संवेदनशीलता को दर्शाता है.
Putin rushes to talk to Trump, lest he gets offended for being made to wait https://t.co/3X1RCI82eG pic.twitter.com/Vx0CZEeOye
— RT (@RT_com) July 3, 2025
यूक्रेन युद्ध पर नहीं बनी सहमति
फोन कॉल के बाद ट्रंप ने कहा कि ये बातचीत काफी लंबी रही, लेकिन यूक्रेन युद्ध पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई. ट्रंप की इस टिप्पणी से ये संकेत मिला कि दोनों देशों के बीच शांति वार्ता की संभावनाएं अभी भी धुंधली बनी हुई हैं. क्रेमलिन ने बातचीत की पुष्टि करते हुए कहा कि फोन कॉल करीब एक घंटे तक चली.
क्रेमलिन के वरिष्ठ सलाहकार यूरी उशाकोव ने बताया कि हमारे राष्ट्रपति ने कहा कि रूस उन उद्देश्यों को प्राप्त करेगा जो वर्तमान स्थिति तक पहुंचने के कारण बने हैं. रूस अपने लक्ष्यों से पीछे नहीं हटेगा. इस बयान से यह स्पष्ट है कि रूस यूक्रेन युद्ध में पीछे हटने को तैयार नहीं है और वह अपने रणनीतिक एजेंडे को पूरा करने पर अडिग है.
तनाव के बीच पुतिन का कूटनीति पर जोर
दोनों नेताओं के बीच बातचीत ऐसे समय हुई है जब अमेरिका ने ईरान पर सैन्य हमले किए हैं और यूक्रेन को भेजे जाने वाले हथियारों की सप्लाई अस्थायी रूप से रोक दी गई है. इस स्थिति में पुतिन ने मध्य-पूर्व में कूटनीति की जरूरत पर जोर दिया. ये बातचीत ना केवल यूक्रेन के संदर्भ में बल्कि ईरान-अमेरिका तनाव के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.


