आखिर पेड़ों पर क्यों किया जाता है पेंट, क्या है इसके पीछे का कारण?
दरअसल, इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। कई लोग ऐसे हैं जो इस बारे में नहीं जानते हैं ।माना जाता है कि जब पेड़ कमजोर होने वाले होते हैं तो लोग उन्हें कीड़ों से बचाने के लिए पेंट करते है।
जब आप किसी भी स्थान पर जाते हैं तो पेड़ों को आप ने सफेद रंग से रंगा हुआ जरूर देखा होगा। सड़क के किनारे लगे पेड़ों पर आप अक्सर देखतें होंगे कि जड़ों के ऊपर सफेद और लाल रंग से पेंट किया हुआ रहता है। पेड़ों के निचले हिस्से में पेंट करने का यह तरीका काफी पुराना है।साथ ही पेड़ों पर इस तरीके के रंग काफी समय से किए जा रहे हैं लेकिन क्या कभी आपने इसके बारे में सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है?
दरअसल, इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। कई लोग ऐसे हैं जो इस बारे में नहीं जानते हैं ।पेड़ों के निचले हिस्से में पेंट करने का यह तरीका काफी पुराना है। इसके पीछे यही उद्येश्य होता है कि हरे-भरे पेड़ों को और ज्यादा मजबूती देना। आपने ये देखा होगा कि पेड़ों में दरारें आ जाती हैं और उनकी छाल निकलने लगती है, जिसकी वजह से पेड़ कमजोर होने लगते हैं। ऐसे में उन्हें मजबूत करने के लिए पेंट कर दिया जाता है।
जानिए इसके पीछे की वजह
कहा जाता है कि ऐसा करने से से पेड़ों की उम्र भी बढ़ जाती है। यही कारण है कि प्रत्येक पेड़ पर दो प्रकार के रंग किए जाते हैं। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति पेड़ों में लाल और सफेद रंग करते हैं ऐसा करने से पेड़ों में दीमक या कीड़े नहीं लग पाते हैं साथ ही इसका प्रयोग करने से ये सभी चीजें दूर रहती है। जैसे की आप लोग जानते ही है कि यह कीड़े काफी खतरनाक होते हैं जो कि प्रत्येक पेड़ को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
जिसके कारण पेड़ अंदर से खोखले हो जाते हैं।यदि प्रत्येक पेड़ पर पेंट किया जाए तो यह पेड़ो को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं साथ ही पेंट से य सभी कीड़े दूर रहते हैं। पेड़ों को पेंट करने से उनकी सुरक्षा में भी काफी सुधार होता है। यह इस बात का संकेत होता है कि वो पेड़ वन विभाग की नजर में हैं और उनकी कटाई नहीं की जा सकती है। कुछ जगहों पर पेड़ों को रंगने के लिए केवल सफेद पेंट का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कई जगहों पर लाल और नीले रंगों का भी उपयोग किया जाता है। जिससे कीड़ें दूर किए जा सकते हैं ।