कम्युनिकेशन स्किल लगाती है आपकी पर्सनालिटी में चार चांद

सकारात्मक वार्तालाप के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल बेहद जरूरी है। आपकी यह क्षमता सामने वाले पर खासा असर छोड़ती है। सकारात्मक संप्रेषण वही होता है, जिसके जवाब में पॉजिटिव जवाब और प्रतिक्रियाएं आएं। सकारात्मक व्यवहार खराब भावनाओं को अच्छी भावनाओं में बदलने और आपको अपने लिए एक पॉजिटिव इमेज बनाने में मदद करता है, इसलिए उम्मीद का दामन थामें रहें।

Janbhawana Times
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जनभावना टाइम्स,एडिटर डेस्क। सकारात्मक वार्तालाप के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल बेहद जरूरी है। आपकी यह क्षमता सामने वाले पर खासा असर छोड़ती है। सकारात्मक संप्रेषण वही होता है, जिसके जवाब में पॉजिटिव जवाब और प्रतिक्रियाएं आएं। सकारात्मक व्यवहार खराब भावनाओं को अच्छी भावनाओं में बदलने और आपको अपने लिए एक पॉजिटिव इमेज बनाने में मदद करता है, इसलिए उम्मीद का दामन थामें रहें। कुछ जरूरी टिप्स जानिए यहां, जो दूसरों से व्यवहार के दौरान आपके काम आएंगे, विकल्प न हों कम किन्हीं कारणों से कुछ कामों को कर पाना मुमकिन नहीं होता, उन कारणों की तलाश करें और विकल्प व निवारण सुझाएं। सीधे तौर पर मना कर देना आसान है, परंतु उससे कोई हल नहीं निकलता।विकल्प और निवारण सुझाने पर आपकी छवि ऐसे व्यक्ति की बनती है, जो अतिरिक्त प्रयास कर सकता है।

विनम्रता

जब किसी को कोई काम करने के लिए कहें या मना करें तो विनम्रता से कहें। ऐसे मामले में शब्द चयन बहुत ध्यान से करना होता है। तू जैसे शब्द तो बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करने चाहिए। कोई भी जोर-जबरदस्ती पसंद नहीं करता, इसलिए आवाज ज्यादा ऊंची न रखते हुए अपनी बात कहें। यह न केवल सकारात्मक रहेगा, बल्कि प्रेरणादायक भी होगा। नकारात्मक शब्दों को न देखा जाए तो यह कहना जितना आसान है, उसे अपनाना उतना ही मुश्किल, लेकिन अभ्यास से इस पर सफलता पाई जा सकती है। नहीं, बिल्कुल नहीं, कभी नहीं जैसे शब्दों को अपने वार्तालाप का हिस्सा न बनाएं। अपने कहे वाक्यों को कुछ ऐसा रूप दें कि नकारात्मक शब्द कहे बिना उनका अर्थ वाक्य में स्पष्ट हो जाए। उदाहरण के लिए, यदि आप यह वस्तु उपलब्ध नहीं कराएंगे तो काम होना नामुमकिन है, के स्थान पर कहें, यदि आप यह वस्तु मंगा देते हैं तो काम रिकॉर्ड समय में पूरा हो जाएगा।

सकारात्मकता

सकारात्मक पहलू कुछ परिस्थितियों में नकारात्मक पक्ष हावी रहता है, लेकिन उनमें कुछ सकारात्मक पक्ष भी होते हैं। उन बिंदुओं को तलाशें। सकारात्मक व्यवहार और दृष्टिकोण जरूरी है। उदाहरण के लिए, यदि कोई आपके पास नौकरी मांगने आता है और आपके पास उससे मिलने का समय नहीं है तो मिलने से मना करने की बजाय उससे विनम्रता से अपनी मजबूरी बता दें और भविष्य में शीघ्र ही मिलने का वादा करें। मददगार बनें एक मददगार व्यक्तित्व से अधिक सकारात्मक और कोई नहीं होता। हालात कितने भी नकारात्मक हों, अपने साथियों को कहें कि अच्छे निष्कर्ष के लिए आप जो संभव होगा, करेंगे। ऐसा करना न केवल सहकर्मियों में स्फूर्ति लाएगा, बल्कि वे आपके व्यक्तित्व के इस पक्ष को भी हमेशा ध्यान रखेंगे। हम सब जानते हैं कि करियर में सफलता के लिए सकारात्मक छवि कितनी जरूरी होती है, इसलिए सकारात्मक पक्षों को अपने व्यवहार का हिस्सा बनाएं। फिर आपकी खुद हैरानी होगी कि सकारात्मकता किस तरह आपको तरक्की के मार्ग पर ले जाती है।

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02 June 2022, 01:40 PM IST

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