PM ने माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर परिसर का किया औपचारिक उद्घाटन, जानिए अनूठी आध्यात्मिक विरासत और प्रसाद योजना के बारे में
PM Modi in Tripura: प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिपुरा के उदयपुर में पुनर्निर्मित माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर का उद्घाटन किया और मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की. इस परियोजना से तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ेगी, स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

PM Modi in Tripura: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को त्रिपुरा के उदयपुर में पुनर्निर्मित माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर परिसर का औपचारिक उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने गोमती जिले स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की. माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर प्राचीन 51 शक्तिपीठों में से एक है और स्थानीय लोग इसे माताबारी या त्रिपुरेश्वरी मंदिर भी कहते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी सती के दाहिने पैर का एक टुकड़ा भगवान शिव के तांडव के समय इसी स्थल पर गिरा था. माता त्रिपुर सुंदरी को सोदशी या ललिता के नाम से भी जाना जाता है. ये श्री विद्या धर्म में तीनों लोकों में सबसे सुंदर और दिव्य देवी मानी जाती हैं.
किसने करवाया था मंदिर का निर्माण?
मंदिर का निर्माण 1501 ई. में महाराजा धन्य माणिक्य ने करवाया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार, 15वीं शताब्दी के अंत में महाराज को स्वप्न में देवी त्रिपुरेश्वरी ने दर्शन दिए और उन्हें उदयपुर के पास एक पहाड़ी पर उनकी पूजा आरंभ करने का आदेश दिया. बार-बार स्वप्न आने के बाद उन्होंने इस मंदिर में देवी की मूर्ति स्थापित की.
मंदिर अपनी अद्वितीय आध्यात्मिक विरासत के लिए जाना जाता है, जो हिंदू धर्म के वैष्णव और शाक्त संप्रदायों को जोड़ता है. यहां भगवान विष्णु की पूजा ‘शालग्राम शिला’ के माध्यम से होती है. मंदिर में माता के चरणों के नीचे श्री यंत्र उत्कीर्ण है, जो ब्रह्मांड और पुरुष-स्त्री ऊर्जा के दिव्य मिलन का प्रतीक माना जाता है. गर्भगृह में देवी की दो काले पत्थर की मूर्तियां हैं. 5 फीट ऊंची प्रमुख मूर्ति माता त्रिपुर सुंदरी की और 2 फीट ऊंची छोटी मूर्ति, जिसे छोटो-मां कहा जाता है.
मंदिर में अर्पित लाल गुड़हल के फूल और प्रसाद के रूप में माताबारी पेड़ा को हाल ही में भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त हुआ. हर साल दिवाली के अवसर पर यहां दो दिवसीय मेला लगता है, जिसमें देश भर और बांग्लादेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं.
54.04 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू
मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए प्रसाद योजना के तहत 54.04 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की गई. इसमें संगमरमर का फर्श, नए रास्ते, प्रवेश द्वार, जल निकासी, तीन मंजिला परिसर, फूड कोर्ट, वीआईपी लाउंज, ध्यान कक्ष और तीर्थयात्रियों के लिए प्रतीक्षालय शामिल हैं. इस परियोजना के पूरा होने के बाद प्रतिदिन आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 5,000-7,000 तक बढ़ने की उम्मीद है.
परियोजना से स्थानीय समुदायों, होटलों, गाइडों और टैक्सी मालिकों को रोजगार मिलेगा और उदयपुर को धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी सशक्त बनाने का माध्यम बनेगा.


