मैं जहाँ तुम को बुलाता हूँ वहाँ तक आओ| अली सरदार जाफ़री

मैं जहाँ तुम को बुलाता हूँ वहाँ तक आओ मेरी नज़रों से गुज़र कर दिल-ओ-जाँ तक आओ फिर ये देखो कि ज़माने की हवा है कैसी साथ मेरे मेरे फ़िर्दौस-ए-जवाँ तक आओ

Janbhawana Times
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मैं जहाँ तुम को बुलाता हूँ वहाँ तक आओ

मेरी नज़रों से गुज़र कर दिल-ओ-जाँ तक आओ


फिर ये देखो कि ज़माने की हवा है कैसी

साथ मेरे मेरे फ़िर्दौस-ए-जवाँ तक आओ


तेग़ की तरह चलो छोड़ के आग़ोश-ए-नियाम

तीर की तरह से आग़ोश-ए-कमाँ तक आओ


फूल के गिर्द फिरो बाग़ में मानिन्द-ए-नसीम

मिस्ल-ए-परवाना किसी शम-ए-तपाँ तक आओ


लो वो सदियों के जहन्नुम की हदें ख़त्म हुई

अब है फ़िर्दौस ही फ़िर्दौस जहाँ तक आओ


छोड़ कर वहम-ओ-गुमाँ हुस्न-ए-यकीं तक पहुँचो

पर यक़ीं से भी कभी वहम-ओ-गुमाँ तक आओ

calender
12 August 2022, 06:37 PM IST

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