जो गुज़रता है गुज़र जाए जी | अब्दुल्लाह 'जावेद'

जो गुज़रता है गुज़र जाए जी आज वो कर लें के भर जाए जी आज की शब यहीं जीना मरना जिस को जाना हो वो घर जाए जी

Janbhawana Times
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जो गुज़रता है गुज़र जाए जी

आज वो कर लें के भर जाए जी

 

आज की शब यहीं जीना मरना

जिस को जाना हो वो घर जाए जी 

 

इस गली से नहीं जाना हम को

आन रुख़्सत हो के सर जाए जी

 

वक़्त ने कर दिया जो करना था 

कोई मरता है तो मर जाए जी

 

शाख़-ए-गुल मौज-ए-हवा रक़्साँ हैं 

फूल बिखरे तो बिखर जाए जी

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08 August 2022, 06:03 PM IST

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