ॐलोक आश्रम: मनुष्य को किस तरह का जीवन जीना चाहिए? भाग-1

आज का मनुष्य हर समय सुखों की प्राप्ति में लगा रहता है और यह कोशिश करता है कि किस तरह से ज्यादा से ज्यादा सुख प्राप्त कर सकें।

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

आज का मनुष्य हर समय सुखों की प्राप्ति में लगा रहता है और यह कोशिश करता है कि किस तरह से ज्यादा से ज्यादा सुख प्राप्त कर सकें। सुख प्राप्ति के लिए कभी वो धन ढूंढ़ता है कभी वो नशा ढ़ूंढ़ता है कभी मदिरा ढूंढ़ता है कभी स्त्री ढ़ूंढ़ता है कभी कुछ और चीज ढ़ूंढ़ता है लेकिन सुखों की प्राप्ति के लिए लगा रहता है और दुखों से यथासंभव बचना चाहता है। लेकिन हालत ये होती है कि व्यक्ति सुखों की प्राप्ति में जितना लगना चाहता है उसके पीछे दौड़ता है उतना ही सुख उससे दूर भागते जाते हैं और जितना दुखों से पीछा छुड़ाकर भागना चाहता है दुख उतने ही तेजी से उसके पीछे भागता है तो किस तरह से जीवन जीया जाए कि व्यक्ति को सुख भी मिले और दुख से वो विचलित न हो।

भगवान कृष्ण गीता में अर्जुन से कहते हैं कि जबतक जीवन है तबतक सुख भी आएंगे और दुख भी आएंगे ऐसा नहीं हो सकता कि आपके पास केवल सुख ही आए दुख नहीं आए और ऐसा भी नहीं हो सकता कि केवल दुख आए और सुख न आए। सुख और दुख आते-जाते रहेंगे। क्योंकि सुख और दुख उत्पन्न होते हैं आपके इन्द्रियों और विषयों के संयोग से। जब आप आंखों से कोई चीज देखते तो अच्छा महसूस होता है, कोई सुगंधित चीज सूंघते हो तो अच्छा लगता है कोई अच्छी चीज स्पर्श करते हो तो अच्छा लगता है और जब आपकी इच्छा के विपरीत चीजें होती हैं तो आपको बुरा लगता है। तो इसी तरह से जो इच्छा के अनुरूप हो रहा है तो सुख की प्राप्ति होती है जब इच्छा के विरुद्ध हो रहा है तो आपको दुख की प्राप्ति होती है। ये सुख और दुख रहेंगे ही।

भगवान कृष्ण कहते हैं कि इनको सहना सीखो। सुख आए तो उसको भी सहो और दुख आए तो उसको भी सहो। ये अनित्य हैं ये आने और जाने वाले हैं। सुख आया है तो सुख जाएगा भी। दुख आया है तो दुख जाएगा भी। सुख को पकड़ने में लगे रहोगे तो आप दुखी रहोगे क्योंकि आप उस सुख का आनंद नहीं उठा पाओगे क्योंकि सुख के जाने का डर है आपको। दुख के आने का डर है और दुख आ गया तो आप इतने दुखी हो जाओगे कि आप अवसाद में चले जाओगे। आप अपने आपको नष्ट करने की सोचने लगोगे।

सुख में सुखी नहीं रह पाओगे और दुख में तो दुखी रहोगे ही। इसलिए आपको ये जानना जरूरी है कि जबतक हम विषयों की इच्छा करते रहेंगे हम चीजों की इच्छा करते रहेंगे तबतक हमें चीजें मिलेंगी भी और नहीं भी मिलेंगी। कई चीजें हैं जो मिली हैं वो चली भी जाएंगी। हमें चीजें मिलेगी तो सुख होगा नहीं मिलेगी तो दुख होगा तो अच्छी बात ये है कि हम इच्छा से ऊपर उठ जाएं लेकिन हम नहीं भी उठ पा रहे हैं तो इस बात को जानें कि सुख और दुख दोनों आवागमन करने वाले हैं दोनों आने और जाने वाले हैं। तो सुख का आनंद लो जबतक सुख है जब चला जाएगा तब दुख आएगा।

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21 January 2023, 04:07 PM IST

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