जुलाई-अगस्त के पहले थे कुछ और नाम... महीनों के नामों की ये कहानी जानकर हैरान रह जाएंगे आप
नया साल आने वाला है और 1 जनवरी 2026 से फिर कैलेंडर पलटेगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज का यह कैलेंडर हमेशा से ऐसा नहीं था?

Year Ender 2025: नया साल आने वाला है और 1 जनवरी 2026 से फिर कैलेंडर पलटेगा. हम सभी जनवरी से साल की शुरुआत मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज का यह कैलेंडर हमेशा से ऐसा नहीं था? प्राचीन रोमन कैलेंडर में साल मार्च से शुरू होता था और जनवरी-फरवरी जैसे दो महीने तो थे ही नहीं.
बाद में बदलाव हुए और महीनों के नाम भी बदले. कुछ नाम देवताओं के आधार पर रखे गए, तो कुछ सिर्फ नंबरों से. आइए जानते हैं इन महीनों के नामों की दिलचस्प कहानी.
प्राचीन रोमन कैलेंडर की शुरुआत
सबसे पुराना रोमन कैलेंडर रोमुलस का माना जाता है, जिसमें सिर्फ 10 महीने थे. साल मार्च से शुरू होता था और दिसंबर पर खत्म. जनवरी और फरवरी जैसे महीने बाद में जोड़े गए. उस समय मार्च को पहला महीना इसलिए माना जाता था क्योंकि वसंत शुरू होता था और युद्ध के लिए मौसम अनुकूल हो जाता था. रोम के लोग युद्ध के देवता मार्स को बहुत महत्व देते थे.
पहले चार महीनों के नाम देवताओं से बने
- मार्च (मार्टियस): युद्ध के देवता मार्स के नाम पर.रोमनों के लिए यह नई शुरुआत और सैन्य अभियानों का महीना था.
- अप्रैल (अप्रिलिस): लैटिन शब्द 'अपेरिरे' से आया, जिसका मतलब 'खुलना' या 'खिलना' है. इस समय फूल और पेड़ खिलते थे.
- मई (माईयस): उर्वरता की देवी माया के नाम पर. माया को पृथ्वी और विकास की देवी माना जाता था.
- जून (जूनियस): देवी जूनो के नाम पर. जूनो विवाह, परिवार और महिलाओं की रक्षक थीं.
नंबर वाले महीने
पुराने कैलेंडर में मार्च से गिनती शुरू होती थी, इसलिए बाद के महीने सिर्फ नंबरों से जाने जाते थे:
- जुलाई (पहले क्विंटिलिस): पांचवां महीना (क्विंटस = पांच) बाद में जूलियस सीजर के नाम पर जुलाई रखा गया.
- अगस्त (पहले सेक्सटिलिस): छठा महीना (सेक्सटस = छह) सम्राट ऑगस्टस के सम्मान में नाम बदला गया.
- सितंबर: सातवां महीना (सेप्टेम = सात)
- अक्टूबर: आठवां महीना (ऑक्टो = आठ)
- नवंबर: नौवां महीना (नोवेम = नौ)
- दिसंबर: दसवां महीना (डिसेम = दस)
आज भी इन महीनों के नाम नंबरों पर ही आधारित हैं, लेकिन गिनती दो महीने पीछे खिसक गई है.
जनवरी और फरवरी का नाम कैसे जुड़ा
दूसरे रोमन राजा नूमा पोंपिलियस ने कैलेंडर में सुधार किया और दो नए महीने जोड़े.
- जनवरी (जनुअरियस): द्वारों के देवता जेनस के नाम पर. जेनस का चेहरा दो तरफ होता था एक अतीत की ओर, दूसरा भविष्य की ओर. इसलिए इसे साल का पहला महीना बनाया गया.
- फरवरी (फेब्रुअरियस): शुद्धिकरण के त्योहार फेब्रुआ से लिया गया नाम. इस महीने लोग आत्मा और घर की सफाई के अनुष्ठान करते थे.
इन बदलावों के बाद साल 12 महीनों का हो गया और जनवरी से शुरू होने लगा. जूलियस सीजर ने आगे सुधार किए और आज का ग्रेगोरियन कैलेंडर उसी का संशोधित रूप है.


