ऑपरेशन सिंदूर से ड्रोन वॉर तक: भारतीय सेना को बताया निर्णायक साल, जानें 10 प्रमुख उपलब्धियां
भारतीय सेना ने 2025 को एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी वर्ष बताया है. इस दौरान सटीक सैन्य अभियानों, आधुनिक तकनीक, ड्रोन प्रणालियों, स्वदेशी हथियारों और वैश्विक सहयोग के जरिए सेना ने भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को मजबूत किया.

भारतीय सेना ने 2025 को अपने इतिहास का एक अहम और परिवर्तनकारी साल बताया है. इस दौरान सेना ने परिचालन क्षमता, तकनीक, रणनीति और स्वदेशीकरण के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए. सेना के अनुसार, 2025 ऐसा वर्ष रहा, जिसमें युद्ध की वास्तविक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तेजी से आधुनिकीकरण किया गया और भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को पूरी तरह तैयार किया गया.
सेना का कहना है कि बीते साल में सटीक हमलों, मानवरहित प्रणालियों, डिजिटल तकनीक और संयुक्त अभियानों पर खास ध्यान दिया गया। इन सभी प्रयासों ने सेना को ज्यादा सक्षम, तेज और आधुनिक बनाया है. वर्ष 2025 को सेना अपने विकास की दिशा में एक मील का पत्थर मान रही है.
1. ऑपरेशन सिंदूर: सटीक कार्रवाई और प्रभावी निवारण
पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 से 10 मई के बीच भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. इस दौरान सीमा पार मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया. सेना और वायुसेना के समन्वय से यह कार्रवाई बेहद सटीक और समयबद्ध रही. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमलों की कोशिश को भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह विफल कर दिया. नियंत्रण रेखा पर कई आतंकी लॉन्च पैड भी ध्वस्त किए गए, जिससे घुसपैठ की क्षमता कमजोर पड़ी.
2. लंबी दूरी और सटीक मारक क्षमता में बढ़ोतरी
2025 में सेना की लंबी दूरी तक वार करने की क्षमता में बड़ा सुधार हुआ. ब्रह्मोस मिसाइल के सफल परीक्षण किए गए और इसके विस्तारित रेंज संस्करण पर काम आगे बढ़ा. वहीं, पिनाका रॉकेट सिस्टम की नई रेजिमेंटों की तैनाती और लंबी दूरी वाले निर्देशित रॉकेट के सफल परीक्षण ने सेना की ताकत को नई ऊंचाई दी.
3. सेना विमानन को मिली मजबूती
सेना के एविएशन कोर में एएच-64ई अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर शामिल किए गए. जुलाई में पहले तीन हेलीकॉप्टर आए, जिससे सेना की हमला करने और निगरानी रखने की क्षमता में बड़ा इजाफा हुआ.
4. नई युद्ध संरचनाएं और इकाइयां
2025 में सेना ने नई युद्ध संरचनाओं को जमीन पर उतारा. भैरव लाइट कमांडो बटालियन और अश्विनी ड्रोन प्लाटून की शुरुआत की गई. इसके साथ ही भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मानवरहित और लॉइटरिंग सिस्टम पर आधारित नई इकाइयां भी बनाई गईं.
5. खरीद प्रक्रिया और क्षमता निर्माण
सेना ने इस दौरान हथियारों और उपकरणों की खरीद में स्वदेशीकरण पर जोर दिया. गोला-बारूद के बड़े हिस्से को देश में ही तैयार किया गया और बड़ी संख्या में ड्रोन तथा आधुनिक सिस्टम सेना में शामिल किए गए.
6. तकनीकी सशक्तिकरण और डिजिटल बदलाव
2025 में सेना ने डिजिटल निर्णय प्रणाली को मजबूत किया. डेटा सेंटर, नए सॉफ्टवेयर और डिजिटल टूल्स के जरिए फैसले लेने की प्रक्रिया तेज और प्रभावी बनी। सैनिकों की सुविधा के लिए विशेष ऐप और हेल्पलाइन भी शुरू की गईं.
7. सैन्य सिद्धांत और वरिष्ठ स्तर की समीक्षा
जैसलमेर में आयोजित सेना कमांडरों के सम्मेलन में भविष्य के युद्ध, ग्रे-जोन चुनौतियों और संयुक्त अभियानों पर चर्चा हुई. इससे सेना की रणनीति को समय के अनुसार ढालने में मदद मिली.
8. अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास और सहयोग
2025 में भारतीय सेना ने अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, श्रीलंका, थाईलैंड और यूएई जैसे देशों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास किए. इससे वैश्विक स्तर पर सहयोग और अनुभव साझा करने को बढ़ावा मिला.
9. रक्षा संवाद और रणनीतिक सोच
चाणक्य रक्षा संवाद 2025 के जरिए सेना ने रणनीतिक विचारों और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर खुली चर्चा की. इसमें युवा नेतृत्व और भविष्य की सुरक्षा नीतियों पर विशेष ध्यान दिया गया.
10. नवाचार और स्वदेशी समाधान
इनो-योद्धा कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में नए नवाचार सामने आए, जिनमें से कई को आगे के विकास के लिए चुना गया. इससे सेना में जमीनी स्तर पर नए विचारों और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला. कुल मिलाकर, 2025 भारतीय सेना के लिए बदलाव, मजबूती और आधुनिकता का वर्ष रहा. इन दस बड़ी उपलब्धियों ने सेना को आने वाले समय की चुनौतियों से निपटने के लिए और ज्यादा सक्षम बना दिया है.


