नए साल पर योगी सरकार का बड़ा प्लान: कैबिनेट से संगठन तक क्या है तैयारी?
उत्तर प्रदेश में भाजपा की तैयारी जोरों पर है. खबरों की मानें तो जल्द ही संगठन से लेकर सरकार तक बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. खबरों के मुताबिक सबसे पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है.

नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत के साथ ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. योगी आदित्यनाथ सरकार में बड़े फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं. संकेत मिल रहे हैं कि सरकार और संगठन दोनों स्तरों पर बदलाव की तैयारी चल रही है, जिसकी बुनियाद मुख्यमंत्री आवास पर हुई एक अहम मीटिंग में रखी गई है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर हुई इस मीटिंग में कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. खास बात यह रही कि हाल ही में नियुक्त हुए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी भी इस बैठक में शामिल हुए. चर्चा है कि पहले कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा और उसके बाद संगठनात्मक ढांचे में भी व्यापक बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
मुख्यमंत्री आवास पर हुई अहम मीटिंग
मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस मीटिंग में संगठन और सरकार दोनों में संभावित फेरबदल पर मंथन हुआ. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि किन नेताओं को संगठन में समायोजित किया जाए और किन्हें सरकार में जिम्मेदारी दी जाए.बैठक में संगठन महामंत्री धर्मपाल की मौजूदगी ने संकेत दे दिए कि बदलाव सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी होंगे.
पंकज चौधरी की नई टीम की तैयारी
नए प्रदेश अध्यक्ष बने पंकज चौधरी संगठन में अपनी छाप छोड़ने की तैयारी में हैं. माना जा रहा है कि वह अपने स्तर पर संगठन में बदलाव करेंगे और एक नई टीम बनाएंगे. इस प्रक्रिया में कुछ नेताओं का संगठन में पुनः समायोजन हो सकता है, जबकि कुछ चेहरों को सरकार में जगह मिल सकती है.
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर फोकस
फेरबदल के दौरान पार्टी जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को लेकर बेहद सतर्क नजर आ रही है. फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी दोनों पूर्वांचल से आते हैं. ऐसे में पश्चिम यूपी, अवध और बुंदेलखंड क्षेत्र को संतुलित प्रतिनिधित्व देने पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है.
कैबिनेट विस्तार पर फैसला
योगी सरकार के संभावित कैबिनेट विस्तार को लेकर अंतिम फैसला दिल्ली में होना है. सूत्रों की मानें तो जनवरी के पहले सप्ताह में इस पर आधिकारिक ऐलान किया जा सकता है. फिलहाल इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि किन नामों को केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजा जाए.
डिप्टी सीएम और संघ से भी हुई चर्चा
इस मीटिंग में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे. इसके अलावा संघ से भी इस मसले पर राय ली गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे दिन लखनऊ में ही रहे और बैठक के बाद उन्होंने अलग-अलग नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर भी बातचीत की.
भूपेंद्र चौधरी को मिल सकती है कैबिनेट में जगह
सूत्रों के अनुसार, मौजूदा यूपी अध्यक्ष रहे भूपेंद्र चौधरी को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. वह जाट समुदाय से आते हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस वर्ग का मजबूत प्रभाव माना जाता है. ऐसे में जाट बिरादरी को साधने के लिए कैबिनेट में उनके शामिल किए जाने का संदेश अहम हो सकता है.
PDA नैरेटिव को काउंटर करने की तैयारी
कहा जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार के जरिए समाजवादी पार्टी के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नैरेटिव को भी काउंटर करने की रणनीति बनाई जा रही है. नए चेहरों और संतुलित प्रतिनिधित्व के जरिए भाजपा सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश कर सकती है.


