चमोली सुरंग में बड़ा हादसा, दो लोको ट्रेनों की टक्कर से 60 मजदूर घायल
उत्तराखंड के चमोली जिले में निर्माणाधीन विष्णुगढ़-पिपलकोटी जलविद्युत परियोजना की सुरंग के भीतर बड़ा हादसा हो गया. शिफ्ट बदलने के दौरान दो आंतरिक लोको ट्रेनों की टक्कर में करीब 60 मजदूर घायल हो गए, जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में जारी है.

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले से एक गंभीर औद्योगिक दुर्घटना की खबर सामने आई है. निर्माणाधीन विष्णुगढ़–पिपलकोटी जलविद्युत परियोजना की एक सुरंग के भीतर दो आंतरिक परिवहन लोको ट्रेनों की आपस में टक्कर हो गई, जिसमें कम से कम 60 मजदूर घायल हो गए. हादसा मंगलवार रात शिफ्ट बदलने के दौरान हुआ, जिसके बाद प्रशासन और राहत एजेंसियों में हड़कंप मच गया.
यह दुर्घटना टीएचडीसी (भारत) द्वारा संचालित पिपलकोटी सुरंग के अंदर हुई. टक्कर की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल रेस्क्यू और मेडिकल सहायता अभियान शुरू किया. सभी घायलों को सुरक्षित बाहर निकालकर नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
कैसे हुआ हादसा
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हादसा टीवीएम साइट पर सुरंग के भीतर उस समय हुआ, जब शिफ्ट बदलने के दौरान मजदूरों को लगभग 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग से बाहर लाया जा रहा था. इसी दौरान एक लोकोमोटिव ट्रेन उसी पटरी पर चल रही दूसरी ट्रेन से टकरा गई. टक्कर इतनी तेज थी कि दो डिब्बे पटरी से उतर गए और कई मजदूर घायल हो गए.
अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना रात करीब 8:30 बजे से 9:30 बजे के बीच हुई.
109 लोग थे ट्रेनों में सवार
चमोली के जिलाधिकारी गौरव कुमार ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया,"कल रात करीब 9.30 बजे शिफ्ट बदलने के समय, सुरंग में चल रहे दो इंजनों की आपस में टक्कर हो गई."
उन्होंने आगे कहा, "ट्रेन में 109 लोग सवार थे, जिनमें से 60 घायल हो गए. 42 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और 17 लोगों को पिपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है."
घायलों की हालत स्थिर, इलाज जारी
जिला प्रशासन के अनुसार, सभी घायल मजदूरों को समय रहते सुरंग से बाहर निकाल लिया गया. 42 घायलों का इलाज गोपेश्वर जिला अस्पताल में चल रहा है, जबकि 17 मजदूर पिपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती हैं. शेष घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि सभी की हालत स्थिर है.
सुरंग में आंतरिक परिवहन के लिए होती हैं लोको ट्रेनें
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि हादसे में शामिल लोको ट्रेनें सुरंग के भीतर मजदूरों और निर्माण सामग्री के आंतरिक परिवहन के लिए इस्तेमाल की जाती थीं, जो बड़े जलविद्युत प्रोजेक्ट्स में आम व्यवस्था है. हादसे के वक्त एक ट्रेन में मजदूर और अधिकारी सवार थे, जबकि दूसरी ट्रेन निर्माण सामग्री ले जा रही थी.
परियोजना और जांच के आदेश
विष्णुगढ़–पिपलकोटी जलविद्युत परियोजना अलकनंदा नदी पर हेलंग और पिपलकोटी के बीच बनाई जा रही 444 मेगावाट की परियोजना है, जिसे टीएचडीसी (भारत) विकसित कर रहा है. इसे अगले साल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
जिला प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं. जांच में यह देखा जाएगा कि शिफ्ट परिवर्तन के दौरान सुरंग के भीतर सुरक्षा मानकों, सिग्नलिंग सिस्टम या परिचालन प्रक्रियाओं में कहीं कोई चूक तो नहीं हुई.


