35 साल पहले भी पाकिस्तान ने Asia Cup से किया था बॉयकॉट, जानिए क्या थी वजह
1990-91 में सियाचिन ग्लेशियर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के कारण पाकिस्तान ने भारत में होने वाले एशिया कप से अपना नाम वापस ले लिया था. उस टूर्नामेंट में पाकिस्तान की गैरहाजिरी में भारत ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर खिताब अपने नाम किया था.

Asia Cup: भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को खेले गए एशिया कप 2025 के बहुप्रतीक्षित मुकाबले में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया. यह टीम इंडिया की टूर्नामेंट में लगातार दूसरी जीत रही, जिससे उनका आत्मविश्वास और भी बढ़ गया. हालांकि मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाने की घटना ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. यह “नो हैंडशेक” विवाद अब लगातार तूल पकड़ रहा है और दोनों देशों के बीच तनाव का नया कारण बन गया है.
एशिया कप का बहिष्कार
इस मामले में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराते हुए उन्हें एशिया कप रेफरी पैनल से हटाने की मांग की. पीसीबी का आरोप है कि रेफरी ने भारतीय खिलाड़ियों के इस व्यवहार पर कोई कार्रवाई नहीं की. बोर्ड ने यहां तक धमकी दी कि अगर रेफरी को नहीं हटाया गया तो वे एशिया कप का बहिष्कार करेंगे और अगले मैच में यूएई के खिलाफ मैदान पर नहीं उतरेंगे.
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पीसीबी की इस मांग को खारिज कर दिया है और साफ कर दिया कि एंडी पायक्रॉफ्ट अपनी भूमिका में बने रहेंगे. इस फैसले से नाराज होकर पाकिस्तानी टीम ने कथित रूप से टूर्नामेंट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पाकिस्तानी खिलाड़ी होटल से बाहर नहीं निकले हैं और माना जा रहा है कि पाकिस्तान बनाम यूएई मैच स्थगित हो सकता है.
1990-91 में नाम लिया था वापस
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने एशिया कप का बहिष्कार करने की धमकी दी हो. इतिहास में उन्होंने ऐसा एक बार पहले भी किया था. 1990-91 में सियाचिन ग्लेशियर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के कारण पाकिस्तान ने भारत में होने वाले एशिया कप से अपना नाम वापस ले लिया था. उस टूर्नामेंट में भारत ने खिताब अपने नाम किया था.
इसी तरह 1993 में दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव इतना बढ़ गया कि पूरे एशिया कप को रद्द करना पड़ा. बाद में 1995 में टूर्नामेंट शारजाह (यूएई) में आयोजित हुआ. दिलचस्प बात यह है कि भारत भी एक बार 1986 में श्रीलंका में सुरक्षा कारणों से एशिया कप का बहिष्कार कर चुका है, जब वहां गृहयुद्ध जैसी स्थिति थी और एलटीटीई की गतिविधियां चरम पर थीं.
इस तरह भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट विवाद नया नहीं है, लेकिन इस बार का “नो हैंडशेक” विवाद टूर्नामेंट पर गंभीर असर डाल सकता है.


