पवन धाम अकलेरा में चल रही भागवत कथा का विश्राम दिवस पर वृंदावन से पधारे आचार्य पंडित मधुसूदन शास्त्री
पवन धाम अकलेरा में चल रही भागवत कथा का विश्राम दिवस पर वृंदावन से पधारे आचार्य पंडित मधुसूदन शास्त्री मधुर ने भगवान श्री कृष्ण की ग्रह अस्त लीला का वर्णन किया उन्होंने बताया की गृहस्थी को समय-समय पर सत्कर्म करना चाहिए ऐसा करने से हमारा दांपत्य जीवन सुख पूर्वक व्यतीत होता है ।
झालावाड़। पवन धाम अकलेरा में चल रही भागवत कथा का विश्राम दिवस पर वृंदावन से पधारे आचार्य पंडित मधुसूदन शास्त्री मधुर ने भगवान श्री कृष्ण की ग्रह अस्त लीला का वर्णन किया उन्होंने बताया की गृहस्थी को समय-समय पर सत्कर्म करना चाहिए ऐसा करने से हमारा दांपत्य जीवन सुख पूर्वक व्यतीत होता है। भगवान द्वारकाधीश ने गृहस्थ में रहकर यही संदेश दिया है। सुदामा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए शास्त्री जी ने बताया कि सुदामा निष्काम भक्त।
ब्रह्म ज्ञानी और निष्काम था। उसने गरीबी में भी अपने मित्र का हर समय याद किया हर विषय परिस्थितियों में ईश्वर को भूलना नहीं चाहिए। ईश्वर की भक्ति ही भगवान के कल्याण करती है इस कलयुग में और सब दोस्त ही दोस्त है पर एक महान गुण है वह यह कि इस युग में भगवान के नाम संकीर्तन से ही परम कल्याण हो जाता है।
गुरुदेव ने भागवत कथा के विश्राम के बाद मुख्य यजमान श्री मांगीलाल जी गौड़ एवं उनके परिवार द्वारा भागवत की पूजा एवं दक्षिणा भेट की भागवत समिति के द्वारा गुरुदेव को माल्यार्पण कर भागवत एवं गुरुदेव की पूजा अर्चना की गई भागवत कथा के संयोजक इंदरमल सेन ने बताया की भागवत कथा मैं विशेष सहयोग हरी प्रसाद चौहान योगेंद्र जी विजय रामेश्वर दयाल नामा अध्यापक कैलाश जी गुप्ता राम सिंह पवार मनमोहन सिंह पुजारी गंगाराम जी आदि अन्य भक्तों ने विशेष सहयोग दिया यह कथा सभी भक्तगण के सहयोग से की गई भागवत कथा के समापन सभी श्रोताओं ने गुरुजी से आशीर्वाद ग्रहण किया गया।