'ऑपरेशन सिंदूर' पर पोस्ट बना गले की फांस... अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद गिरफ्तार
अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के चलते दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. महिला आयोग ने भी इस बयान पर संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था.

हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बताया कि ये कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के सिलसिले में की गई है. इस मामले में बीजेपी युवा मोर्चा के एक नेता द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी.
गौरतलब है कि अली खान महमूदाबाद ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर कुछ टिप्पणियां की थी, जिन्हें लेकर विवाद खड़ा हो गया. हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी 12 मई को उन्हें नोटिस भेजा था, जिसमें उनके कथित बयानों को संज्ञान में लेते हुए जवाब मांगा गया था.
एक सोशल मीडिया पोस्ट बनी गिरफ्तारी की वजह
राई के सहायक पुलिस आयुक्त अजीत सिंह ने पुष्टि की कि अली खान महमूदाबाद को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रोफेसर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी.
महिला आयोग ने भेजा था नोटिस
हरियाणा महिला आयोग ने 12 मई को महमूदाबाद को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. आयोग का कहना था कि प्रोफेसर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जो सार्वजनिक बयान दिए, वे ना केवल संवेदनशील हैं बल्कि देश की सुरक्षा से भी जुड़े मुद्दों पर सवाल उठाते हैं. आयोग ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें जवाब देने का आदेश दिया था.
प्रोफेसर ने दी सफाई
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अली खान महमूदाबाद ने अपनी सफाई देते हुए लिखा कि मैं हैरान हूं कि महिला आयोग ने अपनी सीमाओं से बाहर जाकर मेरे पोस्ट को इतना गलत समझा है कि उसके असली मतलब को ही पलट कर रख दिया है. उन्होंने आगे कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा 7 मई की सुबह को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई थी. ये ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में अंजाम दिया गया था, जिसमें सेना के जवानों को निशाना बनाया गया था.


