छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 8 मारे गए! जानें कैसे सुरक्षा बलों ने दी करारी मात!
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में 8 माओवादी मारे गए. इस मुठभेड़ को लेकर अब तक छत्तीसगढ़ में 48 माओवादी मारे जा चुके हैं. मुठभेड़ में शामिल सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया था, जिसे पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि किया है. इस कार्रवाई का उद्देश्य राज्य में माओवादी गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करना है. क्या सुरक्षा बल माओवादी हमलों पर पूरी तरह काबू पा सकेंगे? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच शनिवार सुबह हुई एक बड़ी मुठभेड़ में 8 माओवादी मारे गए हैं. यह मुठभेड़ गंगालूर क्षेत्र में हुई, जहां सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान चलाया था. इस ऑपरेशन में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बटालियन 222 और सीआरपीएफ की कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) की 202वीं बटालियन शामिल थी.
मुठभेड़ सुबह 8.30 बजे शुरू हुई और यह अभी भी जारी है. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने इस मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की पुष्टि की. यह छत्तीसगढ़ में इस साल की सबसे बड़ी मुठभेड़ मानी जा रही है.
पिछले 1 महीने में माओवादी हमलों में 48 माओवादी मारे गए
इस मुठभेड़ के साथ, छत्तीसगढ़ में 1 जनवरी से अब तक विभिन्न मुठभेड़ों में कुल 48 माओवादी मारे जा चुके हैं. इन मुठभेड़ों को राज्य में चल रहे बड़े आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत अंजाम दिया गया है. पिछले साल अगस्त में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घोषणा की थी कि 2026 तक भारत से वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को खत्म करने के लिए "निर्मम कार्रवाई" की जाएगी.
सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई और माओवादियों का सफाया
यह मुठभेड़ ऐसे समय में हुई है जब छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई तेज हो गई है. राज्य में माओवादियों के खिलाफ व्यापक ऑपरेशंस चलाए जा रहे हैं, और इस तरह की मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जाती है. माओवादी गतिविधियों को खत्म करने के लिए यह अभियान बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि माओवादी लगातार राज्य के कुछ क्षेत्रों में आतंक फैला रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री की महत्वपूर्ण टिप्पणी
अगस्त 2024 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि 2026 तक भारत में वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे. इस मुहिम में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई और तेजी से बढ़ रही है. यह मुठभेड़ इसी बड़े अभियान का हिस्सा है, जो माओवादी गुटों को देश के अन्य हिस्सों से खत्म करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है.
नौसिखिए वामपंथी उग्रवादियों के लिए एक चेतावनी
इन मुठभेड़ों से यह स्पष्ट हो गया है कि सुरक्षा बल अब माओवादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई में कोई ढील नहीं बरतेंगे. माओवादी अब छत्तीसगढ़ में अपने हमले तेज करने के बजाय सुरक्षा बलों के हाथों शिकस्त खा रहे हैं. यह मुठभेड़ माओवादियों के लिए एक चेतावनी है कि राज्य में उनकी गतिविधियों का सामना अब सीधे सुरक्षा बलों से होगा.
वर्तमान स्थिति और आगे की राह
अभी के लिए, मुठभेड़ जारी है और सुरक्षा बलों को पूरी उम्मीद है कि वे बाकी माओवादियों को भी पकड़ने में सफल होंगे. इस प्रकार की कार्रवाई से छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों पर असर पड़ेगा, और सरकार का उद्देश्य है कि जल्द से जल्द राज्य को माओवादियों के खतरों से मुक्त किया जाए.