बिहार उपचुनाव 2022 परिणाम : मोकामा सीट पर अनंत सिंह का दबदबा कायम, गोपालगंज से भाजपा की जीत
बिहार उपचुनाव 2022 परिणाम : मोकामा सीट पर अनंत सिंह का दबदबा बरकार, गोपालगंज भाजपा के खाते में जाना तय

मोकामा: मोकामा सीट से पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने जीत दर्ज कर ली है। मुकाबले में प्रतिद्वंदी सोनम सिंह को 16 हजार के बड़े अंतर से मात दे दी। बता दें कि राजद उम्मीदवार नीलम देवी को कुल 79744 मत प्राप्त हुए हैं वहीं उनकी प्रतिद्वंदी सोनम देवी को 63003 मत मिलें। शुरूआत में मुकाबला बड़ा ही रोचक चल रहा था लेकिन अंत तक आते- आते राजद उम्मीदवार नीलम देवी ने जीत दर्ज कर ली। लगभग दो दशकों से मोकामा सीट पर कब्जा जमाए अनंत सिंह एक बार फिर से इस सीट को जीतने में कामयाब रहे।

जीत के बाद नीलम देवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "मेरी जीत पक्की थी। मैंने पहले ही कहा था कि मेरे मुकाबले में कोई और नहीं है। यह महज एक औपचारिकता थी। मोकामा परशुराम की भूमि है, लोग लालच में नहीं आएंगे। विधायक जी (अनंत सिंह) ने लोगों की सेवा की। वे अब इसका फल दे रहे हैं।"
वहीं दूसरी ओर गोपालगंज सीट पर कांटे की टक्कर के बीच भाजपा नेता कुसुम देवी ने जीत दर्ज की है। यह जीत कुसुम देवी को मात्र 2 हजार वोटों से मिली है। जीत का अंतर भले की छोटी है लेकिन भाजपा के लिये यह जीत किसी बड़ी उम्मीद से कम नहीं है। भाजपा नेता शहनवाज हुसेैन ने जीत के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जद (यू) ने भाजपा से नाता तोड़ लिया और राजद में चला गया लेकिन गोपालगंज में भाजपा को नहीं हरा सका। साफ संदेश है कि ये सब मिलकर भी बीजेपी को नहीं हरा सकते। मोकामा में उनकी जीत का अंतर कम हो गया। यह दिखाता है कि भविष्य भाजपा का है। हम लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटें जीतेंगे। चुनाव आयोग के आकड़ों के अनुसार भाजपा की कुसुम देवी को 70053 मत प्राप्त हुए हैं जबकि राजद नेता मोहन प्रसाद गुप्ता को 68259 वोट मिले हैं।
क्या राजद के लिए मामा साधु यादव ने बिगाड़ा खेल
बता दें कि राजद उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता भाजपा नेता कुसुम देवी से केवल 2 हजार मतों से पिछड़े हैं। वहीं तेजस्वी यादव के मामा साधु यादव की पत्नी इंदिरा देवी जो की बसपा के टिकट से मैदान मे थी उन्हें लगभग 9 हजार मत प्राप्त हुए हैं। साथ गोपालगंज सीट से ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार अब्दुल सलम को 12 हजार से भी ज्यादा मत प्राप्त हुुए हैं। ऐसे मे कहा जा सकता है अगर मैदान में साधु यादव का साथ राजद उम्मीदवार को मिला होता तो यह सीट पर भी राजद का कब्जा हो सकता था।


