सेना की बहादुरी पर गर्व...ऑपरेशन सिंदूर पर बोले नीतीश कुमार, पीएम मोदी और भारतीय सेना की सराहना की
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया. इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया और 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले का भारतीय सेना ने जोरदार जवाब दिया है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 बड़े आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया. यह पूरी कार्रवाई भारतीय सीमा के भीतर रहकर की गई, जो सैन्य रणनीति की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.
इस मिशन को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय सेना की बहादुरी को सलाम किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी प्रशंसा की और कहा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है. नीतीश ने कहा कि सेना की वीरता पर पूरे देश को गर्व है.
सीएम नीतीश कुमार ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में 09 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है. पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है. हमें भारतीय सेना की वीरता और साहस पर गर्व है. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व पर हम सबको अटूट विश्वास और गर्व है. जय हिंद.”
कहां-कहां हुए हमले?
भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जो रणनीतिक ठिकाने नष्ट किए, उनमें शामिल हैं. सवाई नाला कैंप (PoK): लश्कर-ए-तैयबा का यह ट्रेनिंग कैंप LOC से महज 30 किमी दूर था. पहलगाम हमले सहित कई आतंकवादी घटनाओं की जड़ यही था. बिलाल टेरर कैंप (बहावलपुर, पाकिस्तान): जैश-ए-मोहम्मद के इस अड्डे को भी नेस्तनाबूद कर दिया गया. मेहमूना जोया कैंप (सियालकोट): यह हिज़बुल मुजाहिद्दीन का प्रमुख ट्रेनिंग सेंटर था, जिसे सेना ने सफलतापूर्वक खत्म कर दिया.
आतंक के खिलाफ भारत का साफ संदेश
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए न केवल पहलगाम हमले का बदला लिया है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि आतंकवाद को अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सेना की यह कार्रवाई देश की सैन्य ताकत, रणनीतिक कौशल और राजनीतिक नेतृत्व की स्पष्टता का प्रमाण है.