मुसलमानों से नहीं, हिंदू दुकानदारों से खरीदे राखी और मिठाई... साध्वी प्राची ने रक्षाबंधन पर हिंदू बहनों से की अपील
उत्तर प्रदेश के बागपत में साध्वी प्राची ने रक्षाबंधन को लेकर विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने मुसलमानों पर 'त्योहार जिहाद' फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने हिंदू बहनों से मुस्लिम दुकानों से राखी और मिठाई न खरीदने की अपील की. उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है. साथ ही उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य पर भी तीखा हमला बोलते हुए हिंदू धर्म के अपमान का आरोप लगाया.

Sadhvi Prachi : उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले में हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने एक बार फिर अपने विवादित बयान से नया राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने त्योहारों को जिहाद से जोड़ते हुए मुसलमानों पर "त्योहार वाला जिहाद" फैलाने का आरोप लगाया है. साध्वी प्राची ने कहा कि रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार को निशाना बनाते हुए अब कुछ लोग चांद-तारे वाली राखियां बनाकर धार्मिक उकसावे की कोशिश कर रहे हैं.
राखी और मिठाई न खरीदने की अपील
स्थानीय व्यापारियों में मची हलचल
साध्वी प्राची के इस बयान के बाद स्थानीय बाजारों में हलचल मच गई है. मुस्लिम दुकानदारों में बेचैनी और नाराज़गी देखी जा रही है, जबकि हिंदू दुकानदारों में मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. बयान ने आम जनता के बीच भी बहस का माहौल बना दिया है, जहां कुछ लोग साध्वी की बातों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कई लोग इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश मान रहे हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य पर भी साधा निशाना
रक्षाबंधन पर दिए गए इस बयान के दौरान जब साध्वी प्राची से स्वामी प्रसाद मौर्य पर हुए हमले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बेहद तीखा बयान देते हुए कहा कि जो लोग हिंदू धर्म और उसके ग्रंथों पर सवाल उठाते हैं, उन्हें थप्पड़ नहीं, बल्कि जूते से स्वागत मिलना चाहिए. उन्होंने स्वामी मौर्य पर हिंदू धर्मग्रंथों का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
राजनीतिक हलकों में गर्माहट
साध्वी प्राची के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है. विरोधी दलों के नेताओं और सामाजिक संगठनों ने इस बयान को धार्मिक तनाव भड़काने वाला बताया है. कुछ लोगों ने इसे चुनावी माहौल को प्रभावित करने की कोशिश भी करार दिया है. वहीं, समर्थकों का मानना है कि साध्वी ने हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए सच को सामने लाने का साहस दिखाया है.
साध्वी प्राची का यह बयान ना सिर्फ बागपत में, बल्कि पूरे राज्य में सांप्रदायिक संवाद को प्रभावित कर सकता है. ऐसे समय में जब रक्षाबंधन जैसे पारंपरिक और भावनात्मक त्योहार नज़दीक हैं, धार्मिक भावनाओं को लेकर दिए गए बयानों की संवेदनशीलता और प्रभाव को लेकर सतर्क रहना ज़रूरी है.


