PM Modi visit China: 2019 के बाद पहली बार चीन जाएंगे PM मोदी, SCO समिट में लेंगे हिस्सा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे. यह उनकी 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन झड़प के बाद पहली चीन यात्रा होगी. इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना और दोनों देशों के बीच संवाद को मजबूत करना है.

PM Modi visit China : PM मोदी इस महीने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे. यह मोदी जी की 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद पहली चीन यात्रा होगी. इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और बेहतर बनाने के प्रयासों को आगे बढ़ाना है.
SCO सम्मेलन में वैश्विक नेताओं की भागीदारी
जापान दौरे के बाद पहुंचेगे चीन
चीन रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी 30 अगस्त को जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ टोक्यो में वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. यह दौरा भारत की इंडो-पैसिफिक नीति और आर्थिक साझेदारी को और मज़बूती देने का अवसर बनेगा. पीएम मोदी की यह चीन यात्रा 2019 के बाद पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा होगी, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की संभावनाएं बढ़ी हैं.
अमेरिकी दबाव और वैश्विक राजनीति का संदर्भ
भारत की इस सक्रिय कूटनीति के बीच अमेरिका की प्रतिक्रिया भी अहम रही है. अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स समूह पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की साजिश कर रहा है. ट्रंप का मानना है कि ब्रिक्स यदि और मजबूत होता है तो डॉलर की वैश्विक स्थिति खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि डॉलर की स्थिति खोना किसी विश्व युद्ध को हारने जैसा होगा, और अमेरिका ऐसा नहीं होने देगा.
भारत की संतुलित कूटनीति की झलक
इन सभी परिस्थितियों में पीएम मोदी की चीन यात्रा यह दर्शाती है कि भारत वैश्विक मंचों पर एक संतुलित और सक्रिय भूमिका निभाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. SCO जैसे मंचों पर भारत की भागीदारी, व्यापार और सुरक्षा दोनों ही क्षेत्रों में नई संभावनाएं खोल सकती है. यह यात्रा न केवल भारत-चीन के रिश्तों में नई बातचीत का रास्ता खोल सकती है, बल्कि भारत की वैश्विक कूटनीतिक स्थिति को भी और सुदृढ़ कर सकती है.


