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मानसून में सिरदर्द और बुखार को न करें नजरअंदाज, ये हो सकते हैं मलेरिया के संकेत!

मानसून में अगर आपको लगातार सिरदर्द और तेज बुखार हो रहा है, तो इसे हल्के में न लें. यह मलेरिया का शुरुआती लक्षण हो सकता है. मलेरिया इन दिनों दिल्ली-एनसीआर समेत कई इलाकों में तेजी से फैल रहा है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Malaria Symptoms: मानसून के दस्तक देते ही बीमारियों और संक्रमण का खतरा भी तेजी से बढ़ने लगता है. इन दिनों दिल्ली-एनसीआर समेत कई इलाकों में मलेरिया के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. तेज बुखार और सिरदर्द जैसे लक्षणों को अगर आप साधारण वायरल समझकर नजरअंदाज कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए यह मलेरिया का शुरुआती संकेत हो सकता है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, मानसून में मच्छरों की ब्रीडिंग बढ़ जाती है, जिससे मलेरिया का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. समय रहते इसकी पहचान और इलाज बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव के उपायों पर गहराई से जानकारी मिली है.

मानसून में क्यों बढ़ जाते हैं मलेरिया के मामले?

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि लगातार बारिश, जलभराव और स्वच्छता की कमी मानसून के दौरान मलेरिया के प्रसार के मुख्य कारण हैं. बारिश का मौसम मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल होता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह समय बेहद संवेदनशील होता है क्योंकि उनमें संक्रमण की जटिलताएं तेजी से उभर सकती हैं.

मलेरिया के सामान्य और गंभीर लक्षण

मलेरिया प्लास्मोडियम प्रजाति के संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है. इसके प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-

  • तेज बुखार

  • कंपकंपी

  • सिरदर्द

  • बदन दर्द

एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर समय पर इलाज न हो, तो मलेरिया से शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं. जटिल मामलों में पीलिया, मस्तिष्क और किडनी डैमेज जैसी गंभीर स्थितियां भी हो सकती हैं.

मलेरिया से कैसे करें बचाव?

मलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए सबसे पहले मच्छरों से बचाव जरूरी है. इसके लिए:

  • आसपास जलभराव न होने दें

  • पूरी बाजू के कपड़े और पतलून पहनें

  • डीईईटी (DEET) बेस्ड मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट का उपयोग करें

  • मच्छरदानी या मच्छर रोधी जाली का प्रयोग करें

एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि अगर बारिश के मौसम में किसी को तेज बुखार हो रहा है, तो उसे सामान्य वायरल न मानें. यह डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड या पीलिया भी हो सकता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरी ब्लड टेस्ट करवाएं.

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06 August 2025, 04:43 PM IST

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