अमेरिकी टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था पर संकट? जानिए RBI गवर्नर ने क्या कहा
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा और वैश्विक व्यापार तनाव, विशेषकर अमेरिकी टैरिफ नीतियों को लेकर चिंता जताई. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 2025-26 के लिए विकास दर 6.5% बनाए रखने और महंगाई पर सतर्क दृष्टिकोण अपनाने की बात कही.

RBI Monetary policy Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर बनाए रखने का निर्णय लिया. ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब वैश्विक व्यापार में तनाव, खासकर अमेरिका की टैरिफ नीतियों के कारण बढ़ रहा है.
गवर्नर संजय मल्होत्रा का ये चौथा मौद्रिक नीति संबोधन था. उन्होंने अपनी स्पीच में महंगाई, आर्थिक वृद्धि और वैश्विक अनिश्चितताओं को लेकर आरबीआई का दृष्टिकोण साझा किया.
नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि 4 से 6 अगस्त के बीच हुई बैठक में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से दरों को स्थिर रखने के पक्ष में वोट दिया. इसके साथ ही, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (5.25%), मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी और बैंक रेट (5.75%) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया.
अमेरिका के टैरिफ पर RBI की चिंता
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अमेरिका द्वारा घोषित नए टैरिफ और व्यापार वार्ताओं का जिक्र करते हुए कहा कि बढ़ते वैश्विक व्यापार तनाव भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए खतरा बन सकते हैं. बाहरी मांग की संभावनाएं अनिश्चित बनी हुई हैं. भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक वित्तीय अस्थिरता और व्यापारिक नीतियों में उतार-चढ़ाव से जोखिम बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों की अनिश्चितताएं चुनौतियां पैदा कर सकती हैं.
2025–26 के लिए विकास दर अनुमान 6.5% पर बरकरार
RBI ने वित्त वर्ष 2025–26 के लिए विकास दर 6.5% पर स्थिर रखी है. तिमाही दरें इस प्रकार अनुमानित की गईं:- 6.5%, 6.7%, 6.6%, 6.3%. उन्होंने निर्माण और व्यापार क्षेत्रों को आगामी महीनों में सेवाओं की वृद्धि में अहम कारक बताया. गवर्नर ने कहा कि हेडलाइन महंगाई अनुमान से काफी नीचे आई है, जिससे दरों में आगे कोई कटौती करने की तत्काल जरूरत नहीं है. उन्होंने ये भी जोड़ा कि फरवरी 2025 से 100 बेसिस पॉइंट की कटौती का असर अब भी अर्थव्यवस्था में दिख रहा है.
वैश्विक दृष्टिकोण अब भी अनिश्चित
गवर्नर ने कहा कि नीति-निर्माताओं के लिए ये एक जटिल संतुलन साधने की स्थिति है. राजनीतिक अस्थिरता कुछ हद तक कम हुई है, लेकिन व्यापारिक चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं. भारत अपनी आंतरिक मजबूती और स्थिर आर्थिक मूलभूत आधारों के कारण बेहतर स्थिति में है.
RBI की अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 के बीच निर्धारित की गई है. RBI ने रेपो रेट को 5.5% पर बरकरार रखते हुए वैश्विक व्यापारिक तनाव और अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर चिंता जताई है. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भारत की विकास दर 6.5% बनाए रखने की घोषणा की, लेकिन महंगाई को लेकर सतर्कता बरतने की बात भी कही.


