कौन हैं मीरा मुराती जिन्होंने ठुकराया मार्क जुकरबर्ग का ऑफर, जानें क्या है पूरा मामला?
2024 में, मिरा मुराती ने टाइम मैगजीन की 100 सबसे प्रभावशाली हस्तियों की सूची में अपनी जगह बनाकर सबका ध्यान खींची थी. मिरा की प्रेरणादायक यात्रा और उनके योगदान ने न केवल उद्योग को नई दिशा दी, बल्कि लाखों लोगों के लिए एक मिसाल भी कायम की.

Mark Zuckerberg Offer: सिलिकॉन वैली में एक पुरानी कहावत है, 'मार्क जुकरबर्ग के खिलाफ कभी दांव नहीं लगाना चाहिए,' क्योंकि उनकी दृढ़ निश्चयता के कारण वह लगभग हमेशा जीतते हैं. हालांकि, हाल ही में उन्हें एक बड़ा झटका लगा है. दरअसल, मेटा के सीईओ ने ओपनएआई की पूर्व सीटीओ मीरा मुराती की एआई कंपनी 'थिंकिंग मशीन्स लैब' को 1.5 बिलियन डॉलर में खरीदने का ऑफर दिया था, जिसे मीरा ने मना कर दिया. इसके बाद जुकरबर्ग ने मुराती के कंपनी के शीर्ष इंजीनियर को अपने साथ लाने की कोशिश की, और इस दौरान मेटा ने उन्हें यह प्रस्ताव दिया था.
कौन हैं मीरा मुराती
मीरा मुराती का जन्म 1988 में अल्बानिया के व्लोरे में हुआ था. मात्र 16 साल की उम्र में उन्होंने कनाडा के पियर्सन कॉलेज में स्कॉलरशिप हासिल की और आगे की पढ़ाई में खुद को साबित किया. डार्टमाउथ कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद, मीरा ने गोल्डमैन सैक्स, टेस्ला और लीप मोशन जैसी बड़ी कंपनियों में काम किया. 2018 में उन्होंने सैम ऑल्टमैन की कंपनी OpenAI से जुड़कर ChatGPT, DALL·E और Codex जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स में काम किया, जो आज दुनिया भर में मशहूर हैं.
मेटा का भर्ती अभियान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेटा ने थिंकिंग मशीन्स लैब के एक प्रमुख इंजीनियर, एंड्रयू टुलोच को आकर्षित करने के लिए छह वर्षों के लिए 1.5 बिलियन डॉलर का वेतन देने के लिए कहा था. टुलोच, जो एक प्रसिद्ध मशीन लर्निंग विशेषज्ञ हैं और थिंकिंग मशीन्स लैब के सह-संस्थापक हैं, जिनहोनें इस ऑफर को अस्वीकार कर दिया. मेटा का यह भर्ती अभियान, जिसे 'पूर्ण छापा' कहा जा सकता है, थिंकिंग मशीन्स लैब के एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को निशाना बना रहा था, और यह मुराती के स्टार्टअप को किसी भी कीमत पर अपने साथ लाने की कोशिश थी.
टुलोच की स्टेटस और मेटा के साथ जुड़ाव
एंड्रयू टुलोच ने पहले मेटा में काम किया था और उनकी प्रतिष्ठा मशीन लर्निंग के क्षेत्र में काफी बड़ी है. उन्हें पायटॉर्च, एक एआई रिसर्च टूल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. इतना ही नहीं, टुलोच ने ओपनएआई में भी काम किया था और GPT-4 के पूर्व-प्रशिक्षण और तर्क मॉडल में योगदान दिया था. टुलोच को मेटा के सुपरइंटेलिजेंस लैब के प्रमुख, एलेक्जेडर वांग ने भी अपने साथ काम करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन फी भी उन्होनें प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया. इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि उन्हें थिंकिंग मशीन्स लैब में बड़ी हिस्सेदारी मिल चुकी है, जिसका मूल्यांकन 30 अरब डॉलर से अधिक है.
मेटा का यह भर्ती अभियान केवल थिंकिंग मशीन्स लैब तक ही सीमित नहीं रहा. कंपनी ओपनएआई और अन्य एआई स्टार्टअप्स के कर्मचारियों को भी आकर्षित करने की कोशिश कर रही है. रिपोर्ट के अनुसार, मेटा ने ओपनएआई के 100 से ज्यादा कर्मचारियों से संपर्क किया है और कम से कम 10 को सफलतापूर्वक नियुक्त किया है. हालांकि, मेटा के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने टुलोच को दिए गए प्रस्ताव को 'गलत और हास्यास्पद' करार दिया और कहा कि यह पैकेज स्टॉक प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं.
जुकरबर्ग की ताकत
जब टुलोच ने मेटा का प्रस्ताव ठुकरा दिया, तो 24 वर्षीय मैट डीटके जैसे अन्य कर्मचारी जुकरबर्ग के हठ के सामने झुक गए. डीटके ने मेटा में शामिल होने से पहले 12.5 करोड़ डॉलर का ऑफर ठुकरा दिया था, लेकिन जुकरबर्ग ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके पैकेज को दोगुना करके 25 करोड़ डॉलर का वादा किया, जिसमें से 10 करोड़ डॉलर पहले साल में पहले दिए जाने की गारंटी दी.


