अमेरिकी राष्ट्रपति बने बिहार के निवासी? फर्जी निवास प्रमाण पत्र का आया आवेदन
बिहार के समस्तीपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया, जिसने प्रशासन के होश उड़ा दिए. यहां किसी शख्स ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर डाला. आवेदन मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरंत जांच शुरू हो गई. जब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, तो प्रशासन ने बिना देर किए आवेदन को खारिज कर दिया.

Bihar Election 2025: बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर प्रखंड कार्यालय में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन को चौंका दिया. यहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर एक व्यक्ति ने निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया. जैसे ही आवेदन प्राप्त हुआ, प्रशासनिक अधिकारियों ने इसकी गहन जांच शुरू कर दी. जांच के बाद यह साफ हो गया कि यह आवेदन पूरी तरह से फर्जी था, जिसके बाद इसे खारिज कर दिया गया है. अब इस मामले में साइबर अपराध के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. यह मामला उस वक्त सामने आया जब 29 जुलाई 2025 को मोहिउद्दीननगर अंचल के लोक सेवा केंद्र से एक ऑनलाइन आवेदन आया, जिसमें आवेदक का नाम डोनाल्ड ट्रंप था. प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले को हल्के में लेने के बजाय गंभीरता से लिया और इसकी जांच की, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया.
फर्जी आवेदन की पहचान
समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर अंचल में 29 जुलाई को ऑनलाइन आवेदन संख्या BRCCO/2025/17989735 प्राप्त हुआ, जिसमें आवेदक का नाम 'डोनाल्ड ट्रंप' लिखा था. आवेदन में एक फोटो भी संलग्न थी, जिसमें स्पष्ट रूप से छेड़छाड़ के संकेत मिले. आवेदक ने ग्राम हसनपुर, वार्ड संख्या 13, पोस्ट बाकरपुर, थाना मोहिउद्दीननगर, प्रखंड मोहिउद्दीननगर, जिला समस्तीपुर का पता दर्ज किया था. इसके बाद प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई.
जांच में फर्जीवाड़ा
प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) डॉ. नवकंज कुमार और अंचलाधिकारी (CO) बृजेश कुमार द्विवेदी ने मिलकर इस मामले की गहन जांच की. जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आवेदन में दी गई फोटो, आधार संख्या, बारकोड और पते में छेड़छाड़ की गई थी. इससे यह साफ हो गया कि यह आवेदन पूरी तरह से फर्जी था. अधिकारियों का मानना है कि यह फर्जी आवेदन निर्वाचन आयोग के संक्षिप्त गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम को बाधित करने या मजाक उड़ाने के उद्देश्य से किया गया था.

साइबर अपराध
प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ साइबर थाना, समस्तीपुर में प्राथमिकी दर्ज कराने की सिफारिश की है. इस आवेदन के जरिए प्रशासन यह जांच करेगा कि फर्जी आवेदन किस डिवाइस और IP पते से किया गया था. साथ ही, प्रशासन यह जानने की कोशिश कर रही है कि आवेदनकर्ता का मकसद महज मजाक था या इसके पीछे कोई बड़ी साजिस थी
प्रशासन की सख्ती
प्रखंड और जिला प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि चाहे फर्जी नाम से आवेदन किया गया हो या फिर कोई सामान्य व्यक्ति हो, हर आवेदन की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यदि तकनीकी रूप से और प्रमाण मिले तो आईटी एक्ट की धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई भी की जा सकती है.
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे लोक सेवा केंद्रों और सरकारी पोर्टल्स का दुरुपयोग न करें. प्रशासन का कहना है कि इस तरह की शरारतें न केवल प्रशासनिक संसाधनों की बर्बादी का कारण बनती हैं, बल्कि इससे वास्तविक जरूरतमंद लोगों को भी परेशानी होती है. प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए तकनीकी निगरानी और जांच को और मजबूत किया जाएगा.


