भवानीमंडी शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ने लगा नेत्रदान, भवानीमंडी से 70 वां नेत्रदान

नेत्रदान के प्रति भवानीमंडी नगर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता बढ़ने लगी है और अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों से केवल नेत्रदान संकल्प प्राप्त हुए थे, परंतु पहली बार भवानीमंडी से 40 किलोमीटर दूर गांव सिंहपुर से जैन परिवार ने स्वयं पहल करके अपनी माताजी का नेत्रदान करवा कर गांववासियों के लिए एक प्रेरणास्पद पहल की है।

Janbhawana Times
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झालावाड़। नेत्रदान के प्रति भवानीमंडी नगर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता बढ़ने लगी है और अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों से केवल नेत्रदान संकल्प प्राप्त हुए थे, परंतु पहली बार भवानीमंडी से 40 किलोमीटर दूर गांव सिंहपुर से जैन परिवार ने स्वयं पहल करके अपनी माताजी का नेत्रदान करवा कर गांववासियों के लिए एक प्रेरणास्पद पहल की है।

भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने बताया कि मंगलवार सुबह गांव सिंहपुर निवासी पारसमल जैन की दादी सज्जनबाई जैन उम्र 75 वर्ष का सामान्य बीमारी के कारण निधन हो गया, भवानीमंडी के नेत्रदान के कार्यों की जानकारी पूरे परिवार को थी, ऐसे में परिवार जनों ने स्वयं पहल करके माताजी के नेत्रदान का निर्णय लिया और गणेश सालेचा के माध्यम से नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल द्वारा सूचना देने पर शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ ने सुबह 9 बजे कार से सिंहपुर पहुंचकर कोर्निया प्राप्त किया। घर पर उपस्थित सभी ग्राम निवासियों और परिवारजनों के सामने नेत्रदान संपन्न हुआ, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए गांव में यह पहला नेत्रदान का मामला था और अधिकांश ग्रामीणों का नेत्रदान विषय से पहली बार परिचय हुआ है ऐसे में नेत्रदान प्रक्रिया के समय गांव निवासियों की भारी भीड़ मौके पर उपस्थित थी, उपस्थित सभी ग्रामीण लोगों ने नेत्रदान की प्रक्रिया को अच्छी तरह से देखा और जाना की नेत्रदान में किसी भी तरह की चेहरे पर विकृति नहीं आती है, इसमें केवल आंखों के ऊपर की झिल्ली जिसे कोर्निया कहा जाता है को ही लिया जाता है, इसमें पूरी आंख नहीं निकाली जाती है, जबकि अधिकांश ग्रामीण यही समझ रहे थे की नेत्रदान में पूरी आंख निकलेगी, यह रक्तहीन प्रक्रिया 10 मिनट में ही पूरी हो गई। एक दर्जन से अधिक गांव निवासियों ने नेत्रदान प्रक्रिया के बाद वहीं पर नेत्रदान का संकल्प किया। वही शाइन इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ कुलवंत गौड़ और ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने शोकाकुल परिवार के सदस्यों को नेत्रदान के पश्चात सभी ग्राम निवासियों के सामने प्रशस्ति पत्र प्रदान करके सम्मानित किया और धन्यवाद ज्ञापित किया। *नेत्र उत्सरक डॉ कुलवंत गौड ने बताया कि सज्जनबाई का कॉर्निया अच्छा पाया गया है, इसे आई बैंक जयपुर भिजवा दिया गया है जहां यह दो नेत्रहीनों को नई रोशनी दे सकेगा।

कमलेश दलाल के अनुसार सज्जनबाई के रूप में शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से यह भवानीमंडी क्षेत्र से प्राप्त इस वर्ष का 19 वां तथा इस महीने का तीसरा नेत्रदान प्राप्त हुआ है, यह ग्रामीण क्षेत्र से पहली बार नेत्रदान हुआ है, वंही भवानीमंडी क्षेत्र से कुल 70 जोड़ी नेत्रदान प्राप्त हो चुके है, जोकि पूरे झालावाड़ जिले में सबसे अधिक है एवं कोटा संभाग में कोटा के बाद सर्वाधिक है, जिसके माध्यम से 140 से अधिक नेत्रहीनों को नई रोशनी दी जा चुकी है।

वही सज्जनबाई के सुपौत्र पारसमल प्रकाशचंद्र और भेरूलाल जैन ने कहा कि उनका पूरा परिवार गांव में रहने के बाद भी भवानीमंडी के नेत्रदान के कार्यों से अच्छी तरह से परिचित था, कुछ समय पूर्व उनके रिश्तेदार के भवानीमंडी में हुए नेत्रदान के समय भी पूरा परिवार नेत्रदान प्रक्रिया स्थल पर उपस्थित था और उसी से प्रभावित होकर आज दादीजी के देवलोकगमन के समय पूरे परिवार ने तुरंत नेत्रदान का निर्णय लेकर नेत्रदान संपन्न करवाया, वहीं यह समय पर्यूषण काल का चल रहा है, जैन धर्म के अनुसार इसमें किए गए परोपकार की काफी महत्वता है इसीलिए पूरे परिवार ने नेत्रदान करके एक आत्मीय संतोष और गौरव को महसूस किया है।

शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र एवं भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल ने बताया कि अभी 37 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा पूरे देश में मनाया जा रहा है, ऐसे में पखवाड़े के दौरान नेत्रदान प्राप्त होना वह भी ग्रामीण क्षेत्र से काफी महत्व रखता है, वैसे भवानीमंडी में नेत्रदान के प्रति जागरूकता काफी बढ़ चुकी है और पिछले वर्ष भी 30 अगस्त को ही नेत्रदान पखवाड़े के समय मन्नूभाई नागर का नेत्रदान प्राप्त हुआ था।

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30 August 2022, 04:08 PM IST

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