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तेज बारिश ने बिगाड़ा गुजरात का हाल, दो दिनों में 22 लोगों की गई जान

17 जून 2025 को गुजरात के बोटाद में नौ लोगों से भरी एक ईको कार तेज बहाव में बह गई. इस हादसे में चार की मौत हो गई, तीन लापता हैं और दो को सुरक्षित बचा लिया गया है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

गुजरात के बोटाद जिले में 17 जून 2025 को सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब नौ यात्रियों से भरी एक ईको कार तेज बहाव वाली नदी में बह गई. एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर विनय कुमार भाटी ने बताया कि इस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो चुकी है, तीन अभी भी लापता हैं. वहीं, दो यात्रियों को बचा लिया गया है. बताया जा रहा है कि यह कार साझा टेंपो के रूप में इस्तेमाल हो रही थी. एनडीआरएफ की छठी बटालियन ने बचाव अभियान शुरू किया है, जो अभी भी जारी है. भारी बारिश और अवरुद्ध सड़कों के कारण बचाव कार्य में काफी बाधाएं आईं, लेकिन जिला प्रशासन की मदद से रात 7:30 बजे से 11:30 बजे तक राहत कार्य किया गया.

 गुजरात में मूसलाधार बारिश ने तबाही

पिछले दो दिनों में गुजरात में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है. राज्य के सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. खासकर बोटाद और अमरेली में. बोटाद में 16-17 जून के बीच 247 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जिससे खंभाडा बांध के गेट खोलने पड़े. इसके कारण गडगडा रोड बंद हो गई और आसपास के शहरी एवं ग्रामीण इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए. अमरेली जिले में भी पांच डैम उफान पर हैं, जहां 24 मजदूरों सहित कई लोगों को भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर और कोस्ट गार्ड की मदद से सुरक्षित निकाला गया.

एनडीआरएफ की 12 टीमें और एसडीआरएफ की 20 टीमें वडोदरा, राजकोट, सूरत, कच्छ, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर सहित अन्य प्रभावित जिलों में राहत कार्य में जुटी हैं. अमरेली के बाढ़ग्रस्त खेतों से पांच प्रवासी किसानों को बचाया गया, जबकि बोटाद के बरवाला तालुका से 40 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 25 जिलों के कलेक्टरों के साथ बैठक कर जान-माल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए.

 भारी बारिश का रेड अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग ने बोटाद, भावनगर, अमरेली, सूरत, राजकोट, जूनागढ़ और आसपास के जिलों में अगले चार दिनों तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. बरवाला तालुका में 12 घंटों में 178 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है. सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात की नदियां और करीब 140 डैम खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं.

इस भारी बारिश से बोटाद और अमरेली में सड़कें और रेलवे ट्रैक जलमग्न हो गए हैं, जिससे यातायात बाधित है. भावनगर में स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं. खंभाडा बांध के गेट खुलने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पटेल से फोन पर बात कर राहत कार्यों का जायजा लिया और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया. अब तक लगभग 8,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.

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18 June 2025, 04:21 PM IST

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