गुफा में मिली रूसी महिला पर कोर्ट मेहरबान, बच्चों की खातिर डिपोर्टेशन टाला
कर्नाटक हाईकोर्ट ने उस रूसी महिला नीना कुटिना के डिपोर्टेशन पर रोक लगा दी है, जो अपनी दो बेटियों के साथ गोकर्ण की एक गुफा में रह रही थीं. अदालत ने इस फैसले के पीछे बच्चों की सुरक्षा, मानसिक स्थिति और भविष्य को मुख्य आधार बनाया है. 8 साल से वीजा समाप्त होने के बावजूद भारत में रह रही इस महिला पर अवैध प्रवास का आरोप है, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में बच्चों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गोकर्ण की एक गुफा में अपनी दो बेटियों के साथ रह रही रूसी नागरिक नीना कुटिना के निर्वासन (डिपोर्टेशन) पर फिलहाल रोक लगा दी है. अदालत ने बच्चों की भलाई और भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. नीना पर भारत में आठ साल से वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद अवैध रूप से रहने का आरोप है.
न्यायमूर्ति एस. सुनील दत्त यादव की एकल पीठ ने बुधवार को यह आदेश दिया और कहा कि महिला को जबरन देश से बाहर भेजने का निर्णय उसके बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए हानिकारक हो सकता है. अदालत ने संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि (UNCRC) के अनुच्छेद 3 का हवाला देते हुए बच्चों के हित को सर्वोपरि बताया.
बच्चों की भलाई को मिला प्राथमिकता
नीना कुटिना की ओर से वकील बीना पिल्लई ने अदालत में दलील दी कि निर्वासन की कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि के उस सिद्धांत का उल्लंघन करती है जिसमें कहा गया है कि "बच्चों के सर्वोत्तम हित को हर निर्णय और कार्रवाई में प्राथमिकता मिलनी चाहिए." अदालत ने इन दलीलों को स्वीकारते हुए कहा कि इस मामले में बच्चों के भविष्य और मानसिक स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इसलिए इस प्रक्रिया पर पुनर्विचार करना जरूरी है.
कौन हैं नीना कुटिना?
40 वर्षीय नीना कुटिना रूस की नागरिक हैं, जिन्हें 9 जुलाई को कर्नाटक के गोकर्ण स्थित रामतीर्थ पर्वत की एक गुफा में अपनी दो बेटियों के साथ रहते हुए पाया गया था. पुलिस के अनुसार, वह आठ वर्षों से वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रह रही थी. नीना ने अधिकारियों को बताया कि उन्होंने गोवा छोड़कर गोकर्ण का रुख इसलिए किया क्योंकि वह "आध्यात्मिक एकांत और प्रकृति के करीब" रहना चाहती थीं. महिला और उसकी दोनों बेटियों को फिलहाल तु्मकुरु जिले में एक आश्रय गृह में रखा गया है.
विवादों से जुड़ा है अतीत
नीना के पूर्व साथी और बेटियों के पिता, डॉर गोल्डस्टीन नामक एक इजरायली कारोबारी ने 2017 में गोवा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि नीना ने बच्चों को उनसे दूर कर दिया है, उनके दिमाग को प्रभावित किया है, और मानसिक तथा शारीरिक उत्पीड़न किया. गोल्डस्टीन ने यह भी दावा किया कि नीना अक्सर उनसे पैसे लेती थीं और उनके साथ दुर्व्यवहार करती थीं. अब जब महिला की पहचान हुई है, तो गोल्डस्टीन ने बेटियों की संयुक्त कस्टडी की मांग दोबारा उठाई है.
अब क्या होगा आगे?
फिलहाल कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में विस्तार से जवाब मांगा है. जब तक बच्चों की भलाई और उनके भविष्य पर स्पष्ट निर्णय नहीं होता, तब तक नीना का निर्वासन नहीं किया जाएगा.


