Noida एयरपोर्ट के लिए इमरजेंसी गेट का निर्माण शुरू, किसानों ने बिना किसी विरोध के अपनी ज़मीन देने का निर्णय लिया
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है. इमरजेंसी निकास द्वार और सड़क का निर्माण दस्तमपुर गांव के किसानों की सहमति से शुरू हो चुका है. किसानों ने बिना किसी विवाद के अपनी ज़मीन देने का फैसला किया, जिससे निर्माण में तेजी आई है. यह कदम एयरपोर्ट की सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा. जानिए इस खास परियोजना के बारे में और कैसे किसानों ने विकास में साथ दिया!

Noida: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. एयरपोर्ट को एयरोड्रम लाइसेंस मिलने से पहले सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए इमरजेंसी निकास द्वार और सड़क का निर्माण शुरू कर दिया गया है. दस्तमपुर गांव के किसानों से सहमति मिलने के बाद यह निर्माण कार्य शुरू किया गया है. इस निर्माण के बाद एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी, जिससे यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.
किसानों का सहयोग: 1000 मीटर जमीन दी गई
पाकिस्तान सीमा से नजदीकी इलाके में स्थित दस्तमपुर गांव के किसानों से सहमति मिलने के बाद एयरपोर्ट के मुख्य द्वार के अलावा एक आपातकालीन निकास द्वार और उससे जुड़ी सड़क का निर्माण शुरू हो गया है. इस सड़क की लंबाई 145 मीटर और चौड़ाई 7 मीटर होगी, जिसे एयरपोर्ट के पूर्वी दिशा में बनाया जाएगा. इस निर्माण के लिए जरूरी ज़मीन के लिए किसानों से बातचीत की गई और किसानों ने बिना किसी आपत्ति के जमीन देने की सहमति दी.
किसानों ने यह सुनिश्चित किया कि विकास कार्य में कोई रुकावट न आए, इस लिए उन्होंने तत्काल निर्माण की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी. हालांकि यह जमीन अभी पूरी तरह से अधिग्रहण नहीं की गई है, लेकिन प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी.
नागरिक उड्डयन विभाग का निर्देश
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को मंजूरी दी थी. डीजीसीए के निर्देश के अनुसार, एयरपोर्ट के मुख्य द्वार के अलावा एक आपातकालीन निकास द्वार बनाने की आवश्यकता थी. इस निकास द्वार के लिए सड़क निर्माण के लिए भूमि की आवश्यकता थी, और वह भूमि किसानों से ली गई है.
आगे का रास्ता: निर्माण प्रक्रिया में तेजी
निर्माण एजेंसी ने शुक्रवार को ही इस कार्य की शुरुआत कर दी है. उपजिलाधिकारी अभय सिंह ने बताया कि किसानों से सहमति के बाद निर्माण कार्य में कोई रुकावट नहीं आई है. यह सड़क और निकास द्वार एयरपोर्ट के सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं.
किसान बबलू, जीतपाल, युधिष्ठिर और अन्य ने अपनी ज़मीन को उपयोग में लाने की अनुमति दी है. ज़मीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है, और जल्द ही नागरिक उड्डयन विभाग के नाम पर ज़मीन ट्रांसफर कर दी जाएगी.
आखिरकार, विकास के रास्ते में सहयोग
इस परियोजना के जरिए, नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण में स्थानीय किसानों और प्रशासन का सहयोग बढ़ रहा है. यह कदम एयरपोर्ट के लिए एक और सुरक्षा मानक सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. साथ ही, इस सहयोग से यह भी साफ होता है कि विकास कार्य के लिए स्थानीय समुदाय के सहयोग से ही कई बाधाओं को पार किया जा सकता है.
किसानों ने विकास को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है और उन्होंने समझदारी से काम किया है, जिससे नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण और सुरक्षित होगा.
किसानों का अहम योगदान, जल्द पूरा होगा निर्माण कार्य
किसानों ने अपने हिस्से की ज़मीन देने के बाद यह सुनिश्चित किया कि एयरपोर्ट का निर्माण समय पर पूरा हो. यीडा (यूपी इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी) की मदद से जल्द ही पूरी प्रक्रिया पूरी होगी और किसानों की ज़मीन नागरिक उड्डयन विभाग के नाम हस्तांतरित कर दी जाएगी.
इस प्रकार, यह पहल नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है, जो ना केवल सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है, बल्कि क्षेत्रीय विकास में भी योगदान करेगी.