राहुल के समर्थन में उतरे विपक्ष के नेता, ये दलों के बीच संघर्ष का वक्त नहीं- KCR
मोदी सरकार न केवल संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है, बल्कि अपनी जघन्य गतिविधियों के लिए सर्वोच्च लोकतांत्रिक मंच, संसद का भी उपयोग कर रही है।
मानहानि केस में 2 साल की सजा के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई। राहुल गांधी के केरल के वायनाड से सांसद थे। विपक्षी दलों ने राहुल गांधी के खिलाफ फैसले का विरोध किया है। आपको बता दें कि तेलंगाना के सीएम और बीआरएस के प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने साफ तौर पर कह दिया है कि ये पार्टियों के बीच मतभेद का समय नहीं है।
सीएम केसीआर का बयान
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि ‘आज भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन है’। राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता नरेंद्र मोदी के अहंकार और तानाशाही की पराकाष्ठा है। यह पार्टियों के बीच संघर्ष का समय नहीं है। सभी लोकतंत्रों को खुले तौर पर बीजेपी के कुकर्मों की निंदा करनी चाहिए।
सरकार देश में लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए है। मोदी सरकार न केवल संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है, बल्कि अपनी जघन्य गतिविधियों के लिए सर्वोच्च लोकतांत्रिक मंच, संसद का भी उपयोग कर रही है। लोकतंत्र का संवैधानिक मूल्यों का एक लंबा इतिहास रहा है। मोदी का शासन आपातकाल से आगे बढ़ रहा है।
विपक्षी नेताओं का उत्पीड़न नियमित हो गया है। विपक्षी नेताओं को अपराधी और झूठा बताकर अयोग्य ठहराकर मोदी पतन ला रहे हैं। बीजेपी की बुरी नीतियों का विरोध करना चाहिए। बता दें कि केसीआर पहले से ही थर्ड फ्रंट को लेकर खुलकर बोल चुके हैं। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम बदलकर उसे राष्ट्रीय पार्टी बनाया था।
वहीं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत में विपक्षी नेता बीजेपी का मुख्य निशाना बन गए हैं’। ममता ने कहा कि आज, हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र का एक नया निम्न स्तर देखा है।
वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘जिस तरह एक निर्णय के 24 घंटे के अंदर राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी गई, यह चिंता पैदा करने वाली है’। ‘देश में वन पार्टी, वन सिस्टम लाने की कोशिश हो रही है। इसे तानाशाही कहते हैं’।